सार्वजनिक महत्व के मुद्दे पर न्यायालय में विशेष सुनवाई

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उच्चतम न्यायालय के महासचिव संजीव सुधाकर कलगांवकर ने बताया कि महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपदुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं। उन्होंने कहा,‘‘ इसमें कोई शक नहीं है कि ये दुर्भावनापूर्ण आरोप हैं और इस पर सुनवाई अभी होगी।’’

 नयी दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई में एक पीठ का गठन किया जिसने सार्वजनिक महत्व के एक मुद्दे पर शनिवार को सुनवाई की। यह मामला न्यायपालिका की स्वतंत्रता से भी जुड़ा है। इस पीठ का गठन उस वक्त किया गया जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के संबंध में अधिकारियों को बताया। विशेष सुनवाई शनिवार सुबह शुरू हुई। 

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उच्चतम न्यायालय के महासचिव संजीव सुधाकर कलगांवकर ने बताया कि महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपदुर्भावनापूर्ण और निराधार हैं। उन्होंने कहा,‘‘ इसमें कोई शक नहीं है कि ये दुर्भावनापूर्ण आरोप हैं और इस पर सुनवाई अभी होगी।’’ उन्होंनेइस बात की पुष्टि की कि अनेक न्यायाधीशों को एक महिला का पत्र प्राप्त हुआ है। उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री से एक नोटिस जारी किया गया जिसमें कहा गया कि एक विशेष पीठ का गठन किया गया है सार्वजनिक महत्व के मुद्दे पर सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति गोगोई, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और संजीव खन्ना की पीठ ने सुबह सुनवाई की।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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