न्यायाधीशों की नियुक्ति में विलंब पर उच्चतम न्यायालय नाखुश

[email protected] । Aug 12 2016 4:40PM

न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर कॉलेजियम के निर्णय को लागू करने में केंद्र के विफल रहने पर उच्चतम न्यायालय ने आज नाखुशी जताई।

न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर कॉलेजियम के निर्णय को लागू करने में केंद्र के विफल रहने पर उच्चतम न्यायालय ने आज नाखुशी जताई और कहा कि ‘‘अविश्वास क्यों है।’’ उच्चतम न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह सरकार से निर्देश प्राप्त करें। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘कॉलेजियम ने उच्च न्यायालयों के 75 न्यायाधीशों के नामों को मंजूरी दी है (स्थानांतरण..नियुक्ति के लिए) लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं दी गई। मुझे नहीं पता कि क्यों, कहां ये फाइल फंसी हुई हैं।’’

पीठ ने कहा, ‘‘अविश्वास क्यों है? कॉलेजियम ने जिन न्यायाधीशों का स्थानांतरण किया उनका स्थानांतरण हुआ ही नहीं। हम यह सब नहीं चाहते।’’ पीठ में न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ भी हैं। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा, ‘‘मैं इसे उच्चतम स्तर पर उठाउंगा और फिर अदालत आउंगा।’’ उन्होंने अपील की कि 1971 के युद्ध में लड़ चुके लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल कबूतरा की तरफ से जारी जनहित याचिका पर फिलहाल कोई नोटिस जारी नहीं किया जाए।

संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पीठ ने उच्च न्यायालयों में बढ़ती रिक्तियों और लंबित मामलों की संख्या बढ़ने का भी जिक्र किया। पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालयों में रिक्तियां 43 फीसदी तक बढ़ गई हैं और उच्च न्यायालयों में 40 लाख मामले लंबित हैं। पूरी व्यवस्था चरमरा रही है।’’ पूर्व सैनिक ने अपनी जनहित याचिका में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या और न्यायपालिका में रिक्तियों का जिक्र किया है और इस सिलसिले में अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की है।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़