केंद्र के साथ राज्य के दर्जे पर नहीं रुकी है बातचीत, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला का बयान

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पहलगाम हमले के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य के दर्जे के बारे में बात करने के लिए मैं केवल एक ही बात करने को तैयार नहीं था। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बातचीत रुक गई है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र के साथ राज्य के दर्जे को लेकर चर्चा रुकी नहीं है। उन्होंने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होना इस बात का सबूत है कि बातचीत जारी है। अब्दुल्ला ने कहा कि अगर आप नीति आयोग की बैठक में दिए गए औपचारिक भाषण को देखें, तो उसमें राज्य का दर्जा वापस करने का स्पष्ट उल्लेख मिलेगा। यह प्रधानमंत्री और नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल के सभी सदस्यों को दिया गया था। इसलिए, राज्य के दर्जे को लेकर बातचीत रुकी नहीं है।
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पहलगाम हमले के बाद विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य के दर्जे के बारे में बात करने के लिए मैं केवल एक ही बात करने को तैयार नहीं था। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बातचीत रुक गई है। अब्दुल्ला ने गुलमर्ग में प्रशासनिक सचिवों की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उनके कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए। गुलमर्ग में इस तरह की बैठक आयोजित करना यूटी द्वारा देश भर के लोगों में जम्मू-कश्मीर आने का विश्वास जगाने का एक प्रतीकात्मक कदम था।
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दरअसल, 22 अप्रैल को बैसरन हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र को भारी झटका लगा था। अधिकारियों के अनुसार, हमले के बाद 85% आगंतुकों ने अपनी यात्राएँ रद्द कर दी हैं और इस क्षेत्र को तेज़ गति से पुनर्जीवित करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हम यह स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर पर्यटन के लिए खुला है। हमले के बाद जो खामोशी छाई रही, उससे क्षेत्र प्रभावित हुआ, लेकिन यहां हमारी मौजूदगी शहर को फिर से जीवंत बनाने की दिशा में एक कदम है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ेगा और क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। हम स्थिति को सामान्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार कश्मीर के लोग हमले की निंदा करने के लिए आगे आए और कोई भी राजनेता या धार्मिक नेता इसका श्रेय नहीं ले सकता।
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