नहीं मिला तमिलनाडु के किसानों की ऋण माफी का आश्वासन

[email protected] । Mar 29 2017 3:53PM

राज्यसभा में आज सरकार ने तमिलनाडु के किसानों के लिए ऋण माफी का सीधे कोई आश्वासन नहीं दिया लेकिन कहा कि फसल बीमा योजना के तहत बीमा के दायरे को बढ़ाया जा रहा है।

राज्यसभा में आज सरकार ने सूखा से प्रभावित प्रदेश तमिलनाडु के किसानों के लिए ऋण माफी का सीधे कोई आश्वासन नहीं दिया लेकिन कहा कि फसल बीमा योजना के तहत बीमा के दायरे को बढ़ाया जा रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने उच्च सदन में कहा कि सरकार तमिलनाडु के किसानों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने तमिलनाडु के किसानों की समस्याओं को लेकर प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है।

उन्होंने कहा कि फसल को बीमा नहीं मिलने के मुद्दे पर गौर किया जा रहा है और फसल बीमा का दायरा बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य को उसका उचित हक मिल रहा है। उन्होंने किसानों के लिए ऋण माफी की मांग पर कोई टिप्पणी नहीं की हालांकि कई सदस्यों ने इस पर जोर दिया। शून्यकाल में द्रमुक के टी. शिवा ने तमिलनाडु में भारी सूखे के कारण किसानों की गंभीर स्थिति का मुद्दा उठाया और कहा कि वे पिछले कई दिनों से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के किसानों का ऋण माफ किए जाने और राज्य को पर्याप्त आर्थिक मदद देने की मांग की। उन्होंने कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की भी मांग की।

भाकपा के डी राजा ने कहा कि देश में कृषि संकट से गुजर रहा है और किसान अभूतपूर्व समस्याओं का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अन्य क्षेत्रों के ऋण को माफ कर सकती है तो फिर वह किसानों के कर्जे को क्यों नहीं माफ कर सकती। उन्होंने राज्य की एक हाइड्रोकार्बन परियोजना का भी विरोध किया और कहा कि स्थानीय लोगों को आशंका है कि इससे वहां जल संकट बढ़ जाएगा। माकपा के टीके रंगराजन ने कहा कि तमिलनाडु में पेयजल का संकट है और मवेशियों के लिए चारे का भी कमी हो गयी है। माकपा के ही सीताराम येचुरी ने भी किसानों के ऋण को माफ किए जाने की मांग की और कहा कि अन्नदाता चूहे खाने को विवश हो गए हैं। इस दौरान सपा के नरेश अग्रवाल और कुछ अन्य सदस्यों ने ऋण माफी की घोषणा किए जाने की मांग की। लेकिन उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि इस बारे में कोई घोषणा वित्त मंत्री ही कर सकते हैं।

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