उरी हमले के तुरंत बाद हुआ लक्षित हमले का निर्णयः राजनाथ

[email protected] । Feb 20 2017 10:39AM

राजनाथ ने खुलासा किया है कि लक्षित हमले का निर्णय उरी में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आहूत एक आपात बैठक में किया गया था।

इंफाल। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने खुलासा किया है कि गत वर्ष सितम्बर में नियंत्रण रेखा के पार लक्षित हमले का निर्णय उरी में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आहूत एक आपात बैठक में किया गया था। सिंह ने रविवार को यहां कहा, ''गत वर्ष सितम्बर में जब खबर आयी कि आतंकवादियों ने उरी में सेना के एक शिविर पर हमला करके 17 जवानों की हत्या कर दी है, एक आपात बैठक आहूत की गई जिसमें प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और मैंने अधिकारियों के साथ हिस्सा लिया और एक दृढ़ निर्णय किया गया कि एक लक्षित हमला किया जाएगा।’’

भारत के विशेष बलों ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित सात आतंकवादी शिविरों पर 28 सितम्बर की रात में लक्षित हमला किया। सेना ने कहा कि हमले में ‘‘बड़ी संख्या में’’ आतंकवादी और उनके सहयोगी हताहत हुए हैं। लक्षित हमला कश्मीर के उरी में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमले के 11 दिन बाद किया गया था। सिंह ने कहा, ‘‘लक्षित हमले के जरिये हमने विश्व को एक संदेश दिया कि हम कमजोर नहीं बल्कि एक मजबूत देश हैं।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आतंकवाद से निपटने में कठोर हैं और लक्षित हमला इसकी पुष्टि करता है।

सिंह ने याद किया कि 2014 में उन्होंने बीएसएफ से स्वयं कहा था कि सीमापार से पाकिस्तान की गोलीबारी का जवाब देते समय ‘‘गोलियां नहीं गिनें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सितम्बर 2014 में मुझे पता चला कि नियंत्रण रेखा के पार से हुई गोलीबारी में पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। मैंने तत्काल बीएसएफ के महानिदेशक को यह पूछने के लिए फोन किया कि बीएसएफ क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ ने यह संकेत देने के लिए 16 बार सफेद झंडा दिखाया है कि वह बात करना चाहती है। यद्यपि पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने तब बीएसएफ के महानिदेशक को आदेश दिया कि अब से पाकिस्तान की ओर से यदि एक भी गोली चलायी जाती है, बीएसएफ को उसके जवाब में की गई गोलीबारी में गोलियां नहीं गिननी चाहिए।’’ सिंह ने यद्यपि कहा कि पाकिस्तान के मुस्लिम सहित आम लोग भारत के साथ अच्छे संबंध के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यद्यपि कुछ तत्व हैं जो आतंकवाद और नफरत का रास्ता अपनाना चाहते हैं। अब पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों से कोई भी यह देख सकता है कि आतंकवादियों का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक आतंकवादी केवल एक आतंकवादी है।’’

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