तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व IPS आरबी श्रीकुमार की जमानत अर्जी खारिज, दोनों को फिलहाल जेल में ही रहना होगा
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के खिलाफ गुजरात दंगों के बाद निर्दोष लोगों और राजनेताओं को निशाना बनाने के लिए झूठे और मनगढ़ंत हलफनामे, बयान और सबूत देने के लिए मामला दर्ज किया था।
अदालत ने कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व शीर्ष पुलिस आरबी श्रीकुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। दोनों पर 2002 के गुजरात दंगों के मामले में सबूत गढ़ने का आरोप लगाया गया है। अहमदाबाद सिटी सेशंस कोर्ट ने शुक्रवार को दोनों की जमानत याचिकाओं की सुनवाई शनिवार को टाल दी थी। कार्यकर्ता सीतलवाड़ और गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार ने अपनी हिरासत खत्म होने के बाद अहमदाबाद सिटी सेशंस कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन किया था। 22 जुलाई को सभी पक्षों की सुनवाई समाप्त हो गई और दोनों जेल में रहेंगे।
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अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के खिलाफ गुजरात दंगों के बाद निर्दोष लोगों और राजनेताओं को निशाना बनाने के लिए झूठे और मनगढ़ंत हलफनामे, बयान और सबूत देने के लिए मामला दर्ज किया था। उन्हें जून के अंत में गिरफ्तार किया गया और 2 जुलाई को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गोधरा ट्रेन कांड के बाद तीनों आरोपियों पर बड़ी साजिश का आरोप लगाया है।
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अपराध शाखा ने अदालत को दिए अपने हलफनामे में कहा था कि सभी आरोपियों ने दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर साजिश रची थी, जो एक सांसद और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख के राजनीतिक सलाहकार थे। क्राइम ब्रांच ने आरोप लगाया है कि तीस्ता सीतलवाड़ को दिवंगत अहमद पटेल से 5.25 लाख रुपये मिले और उनकी महत्वाकांक्षा सांसद बनने की थी।
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