साइबर जगत का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं आतंकवादी: थलसेना प्रमुख

Terrorists are using the cyber world for their benefit: Chief of the Army
जनरल रावत ने यहां साइबर सुरक्षा पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर जगत न केवल परंपरागत युद्ध में अहम है बल्कि यह छद्म युद्ध में भी उतना ही प्रासंगिक है।

नयी दिल्ली। थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज रक्षा बलों के फायदे के लिए साइबर जगत के दोहन पर जोर देते हुए कहा कि सीमा पार सक्रिय ‘‘तकनीक पसंद’’ आतंकवादी इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रहे हैं और यदि सशस्त्र बल उनसे आगे नहीं रहे तो वे कभी आतंकवाद की समस्या खत्म नहीं कर सकते। जनरल रावत ने यहां साइबर सुरक्षा पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर जगत न केवल परंपरागत युद्ध में अहम है बल्कि यह छद्म युद्ध में भी उतना ही प्रासंगिक है। 

रावत ने कहा, ‘‘हमें दुश्मन के इंतजामों को पंगु बनाने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित करनी होगी। आज सीमा पार से हमारे खिलाफ सक्रिय आतंकवादी बहुत तकनीक पसंद हैं। वे साइबर जगत का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं। यदि हम उनसे आगे नहीं रहे तो हम आतंकवाद की समस्या को खत्म करने में कभी कामयाब नहीं होंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि चीन साइबर जगत में अपनी क्षमताएं तेजी से बढ़ा रहा है। 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के अध्यक्ष के समेकित रक्षा कार्मिक समूह के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने कहा कि रक्षा रणनीति में बदलाव करने और साइबर खतरे से जुड़ी रणनीति को इसमें शामिल करने की जरूरत है। दुआ ने कहा, ‘‘कट्टरता साइबर युद्ध का सबसे प्रबल प्रतिफल है। आतंकवादी संगठन अब ऑनलाइन दुष्प्रचार करने लगे हैं।’’ 

जुलाई 2016 में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में बढ़ी अशांति का उदाहरण देते हुए दुआ ने कहा कि हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी बुरहान (22) सोशल मीडिया की पैदाइश था। 

Disclaimer:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


अन्य न्यूज़