टेक्स्टबुक में दहेज प्रथा के गुणों और लाभों को पढ़ाना दुर्भाग्यपूर्ण, प्रियंका चतुर्वेदी ने धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग

Priyanka Chaturvedi
प्रतिरूप फोटो

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर टेक्स्टबुक ऑफ सोशियोलॉजी फॉर नर्सेज से दहेज प्रथा के गुणों और लाभों को बताने वाले पाठ को हटाने की मांग की है। उन्होंने धर्मेंद्र प्रधान से सख्त कदम उठाने का अनुरोध करते हुए यह सुनिश्चित करने का कहा कि भविष्य में ऐसी महिला विरोधी सामग्री को न तो पढ़ाया जाए।

मुंबई। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से टेक्स्टबुक ऑफ सोशियोलॉजी फॉर नर्सेज से दहेज प्रथा के गुणों और लाभों को बताने वाले पाठ को हटाने की मांग की है। यह टेक्स्टबुक बीएससी द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि टेक्स्टबुक में बताए गए तथाकथित फायदे में से एक कहता है कि दहेज के बोझ के कारण कई माता-पिता ने अपनी लड़कियों को शिक्षित करना शुरू कर दिया है। जब लड़कियां शिक्षित होंगी या नौकरी भी करेंगी तो दहेज की मांग कम होगी। इस प्रकार यह एक अप्रत्यक्ष लाभ है। 

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उन्होंने कहा कि एक अन्य तथाकथित फायदे में बताया गया है कि एक बदसूरत लड़की दहेज के दम पर किसी हैंडसम लड़के से शादी कर सकती है। यह भयावह है कि इस तरह के अपमानजनक और समस्याग्रस्त पाठ प्रचलन में हैं और दहेज के गुणों का विस्तार करने वाली टेक्स्टबुक वास्तव में हमारे पाठ्यक्रम में मौजूद हो सकती है जो राष्ट्र और उसके संविधान के लिए शर्म की बात है।

शिवसेना सांसद ने इस मामले को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि एक आपराधिक कृत्य होने के बावजूद दहेज को लेकर हमारे पास इस तरह के पुराने विचार प्रचलित हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छात्रों को इस तरह की सामग्री से अवगत कराया जा रहा है जो चिंताजनक है और अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दहेज प्रथा का ऐसा सुदृढ़ीकरण आपत्तिजनक है और इस पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। 

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शिवसेना सांसद ने धर्मेंद्र प्रधान से इस संबंध में सख्त कदम उठाने का अनुरोध करते हुए यह सुनिश्चित करने का कहा कि भविष्य में ऐसी महिला विरोधी सामग्री को न तो पढ़ाया जाए और न ही प्रचारित किया जाए।

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