67 मरीजो की आंखों की रोशनी छीनने वाले डॉक्टर की रुकी पेंशन, 7 साल पहले बुजुर्गो को किया था अंधा

Barwani aakhn fodh kaand
सुयश भट्ट । Feb 16 2022 1:15PM

16 नवम्बर 2015 को बड़वानी में एक सप्ताह का अंधत्व निवारण शिविर लगाया गया था। इस शिविर में बड़ी संख्या में मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए थे। वहीं ऑपरेशन के बाद मरीजों को दिखना बंद हो गया था और 67 मरीजों की आँख की रोशनी चली गई थी।

भोपाल। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में आंखफोड़वा कांड खुलासा हो गया है। इस कांड के दोषी डॉ आरएस पलोड की पेंशन पर सरकार ने रोक लगा दी है। बड़वानी जिला अस्पताल  में आयोजित नेत्र शिविर में ऑपरेशन के बाद 67 लोगो की आँखों की रोशनी चली गई थी।  बताया जा रहा है कि इस घटना के 7 साल बाद आरोपी की पेंशन सरकार ने अस्थाई रूप से रोक दी है। 

दरअसल 16 नवम्बर 2015 को बड़वानी में एक सप्ताह का अंधत्व निवारण शिविर लगाया गया था। इस शिविर में बड़ी संख्या में मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए थे। वहीं ऑपरेशन के बाद मरीजों को दिखना बंद हो गया था और 67 मरीजों की आँख की रोशनी चली गई थी।

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आपको बता दें कि इस घटना के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए समिति का गठन किया था। इस मामले में तत्कालीन नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस पलोड की लापरवाही उजागर हुई थी। जिसके बाद सरकार ने कार्रवाही करते हुए 4 दिसंबर 2015 को डॉ आरएस पलोड को सस्पेंड कर दिया था। लेकिन अब घटना के 7 साल बाद सरकार ने आरोपी के पेशन पर रोक लगा दी है।

जानकारी के अनुसार नेत्र कांड के बाद से अब तक करीब 20 नर्से बदल गई हैं। नेत्र वार्ड में फिलहाल 2 डॉ सहित एक सहयोगी स्टाफ व एक नर्स पदस्थ है। अब तक करीब 200 से अधिक मरीज इंदौर और 100 से अधिक मरीज खरगोन ऑपरेशन के लिए रैफर किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि नेत्र विभाग के लिए नए ऑपरेशन थियेटर का निर्माण ट्रॉमा सेंटर भवन में किया गया है।

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