NCP विधायक दल के नेता पद से अजित पवार को हटाया जाना अमान्य: भाजपा
भाजपा नेता आशीष शेलार ने इस पर आपत्ति जताते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि अजित पवार को हटाकर उनके पद पर जयंत पाटिल को उस बैठक में नियुक्त किया गया, जिसमें पार्टी के सभी विधायक मौजूद नहीं थे।
मुंबई। भाजपा ने राकांपा विधायक दल के नेता पद से अजित पवार को हटाये जाने पर रविवार को आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कदम ‘‘अमान्य’’ है। अजित पवार के शनिवार को भाजपा को समर्थन देने और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद राकांपा ने उन्हें पार्टी के विधायक दल के नेता पद से बर्खास्त कर दिया था और व्हिप जारी करने के उनके अधिकार को भी वापस ले लिया था।
Ashish Shelar, BJP: How can those, who could not decide their Common Minimum Programme in last 10 days, parade MLAs before the Governor in 10 minutes? #Maharashtra https://t.co/MGG7JupO0S
— ANI (@ANI) November 24, 2019
हालांकि, भाजपा नेता आशीष शेलार ने इस पर आपत्ति जताते हुए यहां संवाददाताओं से कहा कि अजित पवार को हटाकर उनके पद पर जयंत पाटिल को उस बैठक में नियुक्त किया गया, जिसमें पार्टी के सभी विधायक मौजूद नहीं थे। शेलार ने कहा, ‘‘अजित पवार ने राज्यपाल को समर्थन-पत्र राकांपा के विधायक दल के नेता के रूप में सौंपा था। पवार की जगह जयंत पाटिल को नियुक्त करना अमान्य है।’’ भाजपा विधायक ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय में दायर की गई याचिका में अजित पवार की 30 अक्टूबर की नियुक्ति को चुनौती नहीं दी गई है।’’ न्यायालय भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को शपथ ग्रहण कराने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के फैसले को रद्द करने संबंधी शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की याचिका पर रविवार को सुनवायी करेगा। गौरतलब है कि राकांपा विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि अजित पवार की कार्रवाई ने पार्टी की नीतियों का उल्लंघन किया है।
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बैठक में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार मौजूद थे। इसमें कहा गया कि विधायक दल के अगले नेता का चयन होने तक राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल के पास सभी अधिकार होंगे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को 30 अक्टूबर को विधायक दल का नेता चुना गया था। महाराष्ट्र में हुए आश्चर्यजनक उलटफेर में शनिवार को भाजपा के देवेंद्र फडणवीस की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनने की घोषणा की थी। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा आनन-फानन में राजभवन में शनिवार सुबह आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नाटकीय तरीके से फडणवीस और पवार को शपथ दिलाए जाने के बाद राकांपा में दरार दिखाई देने लगी। पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने भतीजे अजित पवार के कदम से दूरी बनाते हुए कहा कि फडणवीस का समर्थन करना उनका निजी फैसला है न कि पार्टी का। बाद में राकांपा ने अजित पवार को पार्टी विधायल दल के नेता पद से हटाते हुए कहा कि उनका कदम पार्टी की नीतियों के अनुरूप नहीं है।
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