वाम दलों के ''भारत बंद'' का कोई असर नहीं

[email protected] । Nov 28 2016 10:17AM

केंद्र सरकार द्वारा 1000 और 500 रूपये के नोटों को अमान्य किए जाने के विरोध में वाम दलों की ओर से आहूत किये गये भारत बंद को ज्यादा समर्थन मिलता नहीं नजर आ रहा है।

कोलकाता। केंद्र सरकार द्वारा 1000 और 500 रूपये के नोटों को अमान्य किए जाने के विरोध में वाम दलों की ओर से आहूत किये गये भारत बंद को ज्यादा समर्थन मिलता नहीं नजर आ रहा है। मिल रही रिपोर्टों के अनुसार रेल और सड़क यातायात पर भारत बंद का कोई असर नहीं है और बाजार भी कमोबेश पूरे देश में सामान्य रूप से खुल रहे हैं। दिल्ली में 10 ट्रेड यूनियनें बंद में शामिल बतायी जा रही हैं।

उधर वाम के गढ़ रहे पश्चिम बंगाल में भी बंद का सामान्य जनजीवन पर खास असर पड़ता नहीं दिखा। सड़कों पर सरकारी बसें और अन्य निजी वाहन उतरे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘अभी तक कोई बड़ी घटना नहीं हुई है हालांकि जिलों से छिटपुट घटनाओं की खबर है।’’ वाम दलों के बंद का पं. बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल ने विरोध किया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘बंद का हम विरोध करते हैं। सोमवार को हम विरोध मार्च (नोटबंदी के खिलाफ) निकालेंगे।’’ तृणमूल का कहना है कि जब लोग पहले ही नगदी की कमी के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं ऐसे में वह उन्हें और तकलीफ देने के खिलाफ हैं। तृणमूल के महासचिव सुब्रत बक्शी ने बताया कि इसके बजाए तृणमूल नोटबंदी के विरोध में आज कॉलेज स्क्वेयर से एस्प्लानेड के बीच रैली निकालेगी। राज्य सरकार ने अपने सभी कर्मचारियों को आज और कल दफ्तर आने का आदेश दिया है। अवकाश अपवाद स्थिति में ही मान्य होगा। इस बाबत राज्य के वित्त विभाग ने सर्कुलर जारी किया है। कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त सुप्रतिम सरकार ने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए महानगर में लगभग 3,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

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