यह आरक्षण की नहीं बदलाव की लड़ाई हैः यशपाल मलिक
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जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि यह आरक्षण की ही लड़ाई नहीं है, बल्कि बदलाव की लड़ाई है। उधर हरियाणा सरकार ने वार्ता के लिए समिति बनाई है।
जींद। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि यह आरक्षण की ही लड़ाई नहीं है, बल्कि बदलाव की लड़ाई है। मलिक ने बुधवार को दनौदा धरने को संबोधित करते हुए कहा कि 20 मार्च को दिल्ली की ओर कूच शांतिपूर्वक रहेगा अगर सरकार ने उन्हें छेड़ने या रोकने की कोशिश की तो 20 मार्च को ये टैंट सड़कों पर आ जायेंगे। जाट संघर्ष समिति का 20 मार्च को दिल्ली की ओर कूच शांतिपूर्वक रहेगा।
उन्होंने संघर्ष समिति के बिनैण खाप के दिवंगत प्रधान जयसिंह फौजी का नाम लेते हुए कहा कि जाट आंदोलन को फौजी ने बिनैण खाप में ताकत दी है। यह आरक्षण की ही लड़ाई नहीं है, बल्कि बदलाव की लड़ाई है क्योंकि 2013 में सरकार ने आरक्षण दे दिया, लेकिन 2015 में अदालत ने छीन लिया। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति का ईक्कस गांव में धरना को 46वें दिन भी जारी रहा।
उधर, हरियाणा में आंदोलनकारी जाटों के अगले हफ्ते दिल्ली की घेराबंदी करने की धमकी के मद्देनजर मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर ने बुधवार को तीन सदस्यीय एक समिति गठित की और समुदाय के नेताओं को आज पानीपत में नये सिरे से बातचीत करने का न्योता दिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जाट प्रदर्शनकारियों के साथ बात करने के लिए तीन सदस्यीय एक समिति गठित की है। इसका नेतृत्व राज्य कैबिनेट मंत्री राम बिलास शर्मा करेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि समिति के दो अन्य सदस्यों में राज्य मंत्री किशन बेदी और मुख्य संसदीय सचिव एवं हिसार से विधायक कमल गुप्ता के नाम शामिल हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राम निवास ने बताया कि बातचीत खुले दिमाग से होगी। गौरतलब है कि पिछले महीने प्रदर्शनकारियों और पांच सदस्यीय समिति के बीच वार्ता बेनतीजा रही थी। वहीं, आंदोलन का नेतृत्व कर रही ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने इस महीने की शुरूआत में घोषणा की थी कि यदि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग नहीं पूरी होती है तो 20 मार्च से राष्ट्रीय राजधानी की घेराबंदी की जाएगी।
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