राफेल को भारत लाने में कश्मीर के इस जाबांज ने निभाई अहम भूमिका, पूरा देश कर रहा गर्व
फ्रांस में भारत के राजदूत के साथ देखे गए शख्स और कोई नहीं बल्कि एयर कमोडोर हिलाल अहमद हैं, जो वर्तमान में फ्रांस में भारत के एयर अटैच के पद पर तैनात हैं। हिलाल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बख्शीबाद के रहने वाले हैं।
राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंच गया। इन विमानों को लेकर पूरा देश उत्साहित है और कह रहा है कि अब दुश्मनों की खैर नहीं है। इन सब के बीच एक नाम जो चर्चा में बना हुआ है वो कश्मीर के निवासी हिलाल अहमद राठौर का है। जिनके ऊपर केवल कश्मीर ही नहीं अपितु संपूर्ण देश गर्व कर रहा है। हिलाल अहमद राठेर भारतीय सेना के वो पायलट है जिन्होंने सबसे पहले राफेल पर उड़ान भरी है।
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कौन हैं हिलाल अहमद
फ्रांस में भारत के राजदूत के साथ देखे गए शख्स और कोई नहीं बल्कि एयर कमोडोर हिलाल अहमद हैं, जो वर्तमान में फ्रांस में भारत के एयर अटैच के पद पर तैनात हैं। हिलाल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के बख्शीबाद के रहने वाले हैं। उन्होंने इलाके के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है। एयर कमोडोर हिलाल अहमद को साल 1988 में एयरफोर्स में कमीशन किया गया था। मिग 21, मिराज-2000, और किरण विमान पर 3000 घंटे से अधिक की दुर्घटना-मुक्त उड़ान के लिए ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार, उन्हें वायु सेना पदक मिल चुका है। ये पदक उन्हें 2010 में विंग कमांडर के रूप में अपना कर्तव्य निभाने के लिए दिया गया था। जब वो 2016 में एक ग्रुप कप्तान थे तब उन्हें सेवा पदक भी दिया गया है।
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कई मेडल मिले
- हिलाल 17 दिसंबर 1988 को भारतीय वायुसेना में फायटर पायलट के तौर पर कमीशन हुए थे।
- वो 1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बने और साल 2004 में ग्रुप कमांडर।
- 2016 में उन्हें ग्रुप कैप्टन बनाया गया और 2019 में वो एयर कोमोडोर के पद पर पहुंचे।
- हिलाल को वायु सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल मिल चुके हैं।
- मिराज-2000, मिग-21 और किरण एयरक्राफ्ट पर उड़ान के दौरान हिलाल ने अब तक तकरीबन 3000 घंटे गुजारे हैं।
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