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तीन शिकारियों ने करंट लागकर ली हाथी की जान, जबलपुर वनमंडल का मामला
- दिनेश शुक्ल
- नवंबर 28, 2020 18:33
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वही वन अधिकारियों ने हाथी के मृत शरीर का निरीक्षण करने पर पाया कि उसकी सूंड करंट लगने से करीब डेढ़ फीट तक झुलस गई थी। इसके बाद ग्राम डुंगरिया मोहास के कोटवार से पूछताछ करके उन्होंने ग्रामीणों के बयान लिए। ग्रामीणों ने गांव के एक व्यक्ति को दो बाहरी लोगों के साथ मिलकर हाथी का बिजली करंट लगाकर हाथी का शिकार करने का संदेह जताया।
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर वनमंडल के वन परिक्षेत्र बरगी में शुक्रवार को अपने साथियों से बिछुड़े जिस हाथी का शव पाया गया था। उसकी मौत की गुत्थी सुलझा ली गई है। तीन शिकारियों ने हाथी दांत के लालच में बिजली का करंट लगाकर हाथी का शिकार किया था। इसकी पुष्टि होने पर वन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों शिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं, मृत हाथी के साथी को खोजने के प्रयास जारी हैं।
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सिवनी जिले से वनमंडल मंडला में घूमते हुए दो जंगली हाथी 24 नवम्बर की रात जबलपुर वनमंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र बरेला में आए थे। ये दोनों हाथी अपने साथियों से बिछुड़ गए थे। डीएफओ मंडला से इसकी सूचना मिलने पर डीएफओ जबलपुर अंजना सुचिता तिर्की ने अपने अमले को सतर्क कर दिया था और वनकर्मियों पर हाथियों की निगरानी के लिए निर्देशित किया था। वनकर्मियों की नजर से दोनों हाथी एक दिन गायब रहे। तीसरे दिन यह वन्यजीव वन परिक्षेत्र बरगी में नर्मदातट पर खिरहनी व जमतरा के जंगल में विचरण करते देखे गए। इसके बाद भी वन अमला लापरवाह बना रहा। गुरुवार की सुबह बरगी तहसील के मानेगांव से मोहास के बीच स्थित जंगल में एक हाथी का शव पाया गया।
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वही वन अधिकारियों ने हाथी के मृत शरीर का निरीक्षण करने पर पाया कि उसकी सूंड करंट लगने से करीब डेढ़ फीट तक झुलस गई थी। इसके बाद ग्राम डुंगरिया मोहास के कोटवार से पूछताछ करके उन्होंने ग्रामीणों के बयान लिए। ग्रामीणों ने गांव के एक व्यक्ति को दो बाहरी लोगों के साथ मिलकर हाथी का बिजली करंट लगाकर हाथी का शिकार करने का संदेह जताया। जिसके बाद तीनों शिकारियों को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। नर हाथी की मौत की खबर पाकर वन अधिकारियों का अमला शुक्रवार सुबह जल्द ही मौके पर पहुंच गया था। इसलिए शिकारियों को मृत हाथी के दांत काटकर निकालने का मौका नहीं मिला। वन विभाग ने हाथी का शिकार करने वाले तीनों आरोपितों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।
मंत्रियों, सांसदों पर टिप्पणी करना पड़ सकता है भारी, बिहार पुलिस ने जारी किया आदेश तो राजद ने उठाया सवाल
- अनुराग गुप्ता
- जनवरी 22, 2021 12:07
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एडीजी नैयर हसनैन खान का पत्र सामने आने के बाद सियासी गलियों में भी हलचल शुरू हो गई। विपक्षी पार्टी राजद ने नीतीश कुमार पर ही हमला बोल दिया। ट्विटर पर लिखा कि सुशासन बाबु को मुखौटा उतरने का इतना खौफ है की अब लिखने की आजादी पर भी बंदिशें लगा दी गईं।
पटना। अगर आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए यह खबर महत्वपूर्ण है। क्योंकि सोशल मीडिया पर अब आपत्तिजनक टिप्पणी करना और अनाप-शनाप लिखना आपको भारी पड़ सकता है। दरअसल, बिहार पुलिस ने आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने सभी विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने दोषियों पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
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बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों या फिर किसी सरकारी अफसर के खिलाफ कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पत्र में बताया गया है कि इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जो साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में टिप्पणी करने वाले व्यक्ति या फिर समूह के विरुद्ध कार्रवाई हो सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर जारी भ्रामक खबरों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अफसरों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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राजद ने नीतीश कुमार को घेरा
एडीजी नैयर हसनैन खान का पत्र सामने आने के बाद सियासी गलियों में भी हलचल शुरू हो गई। विपक्षी पार्टी राजद ने नीतीश कुमार पर ही हमला बोल दिया। ट्विटर पर लिखा कि सुशासन बाबु को मुखौटा उतरने का इतना खौफ है की अब लिखने की आजादी पर भी बंदिशें लगा दी गईं। आवाम द्वारा नकारी गयी हुक़ूमतें ऐसी ही जुल्माना तरीके से पेश आती हैं।
सुशासन बाबु को मुखौटा उतरने का इतना ख़ौफ़ है की अब लिखने की आज़ादी पर भी बंदिशें लगा दी गयीं।
— RJD Siwan (@Siwan_Rjd) January 22, 2021
आवाम द्वारा नकारी गयी हुक़ूमतें ऐसी ही ज़ुल्माना तरीक़े से पेश आती हैं।
नोएडा में बम की खबर मिलने से मचा हड़कंप, मौके पर पहुंची पुलिस
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 12:02
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नोएडा में बम जैसी वस्तु की सूचना से अफरा-तफरी मच गई। नोएडा पुलिस को सूचना दी कि छिजारसी गांव के पास उसने बम जैसी कोई वस्तु देखी है। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर बम निरोधक दस्ते को, डॉग स्क्वाड तथा पुलिस के आला अधिकारियों को भेजा गया।
नोएडा। थाना फेस-3 क्षेत्र के छिजारसी गांव के पास बृहस्पतिवार सुबह राहगीरों को बम जैसी दिखने वाली कोई वस्तु नजर आई, लेकिन बम निरोधक दस्ते ने जांच के बाद पुष्टि की कि यह कोई विस्फोटक वस्तु नहीं है। पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने बताया कि एक ऑटो चालक ने आज सुबह नोएडा पुलिस को सूचना दी कि छिजारसी गांव के पास उसने बम जैसी कोई वस्तु देखी है। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर बम निरोधक दस्ते को, डॉग स्क्वाड तथा पुलिस के आला अधिकारियों को भेजा गया।
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सिंह ने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने जांच की तो पता चला कि बम जैसे दिखने वाली वस्तु कोई विस्फोटक नहीं है। उक्त वस्तु को मौके से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि बम जैसी वस्तु होने की सूचना मिलने से औद्योगिक क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गयी। पुलिस को काफी देर तक यातायात का मार्ग भी बदलना पड़ा। सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा को लेकर पुलिस काफी सतर्क है तथा लोगों से अपील की जा रही है कि कोई भी संदिग्ध वस्तु दिखाई दे तो वह तुरंत पुलिस को सूचना दें। मालूम हो कि बुधवार को नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल में बम होने की सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने करीब तीन घंटे तक अस्पताल में छानबीन की। बाद में पता चला कि यह सूचना फर्जी थी।
सोनिया गांधी ने अर्नब गोस्वामी मामले पर कहा- राष्ट्रवाद का प्रमाण पत्र बांटने वाले पूरी तरह बेनकाब हो गए
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 22, 2021 11:58
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।
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सोनिया ने कहा, ‘‘एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा।’’ केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।’’
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उन्होंने यह भी कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि कानून जल्दबाजी में बनाए गए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर नहीं दिया गया। हम इन कानूनों को खारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियादों को ध्वस्त कर देंगे।’’ व्हाट्सएप बातचीत प्रकरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखीं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है.... जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।’’ उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है।

