Prabhasakshi Exclusive: वो तीन कारण जिसकी वजह से Kashmir का माहौल बिगाड़ने का हो रहा है प्रयास

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक ऑपरेशन त्रिनेत्र की बात है तो जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में छिपे आतंकवादियों का पता लगाने के लिए सेना और पुलिस का यह संयुक्त प्रयास है।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि आजकल कश्मीर में घुसपैठ के प्रयास क्यों बढ़ गए हैं। इसके अलावा दक्षिण कश्मीर में क्यों हमले बढ़ गए हैं। हमने जानना चाहा कि सेना को ऑपरेशन त्रिनेत्र क्यों चलाना पड़ रहा है। हमने जानना चाहा कि क्या अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद सरकार ने हालात के सामान्य होने की बात कही थी उसको झुठलाने का अभियान है यह सब?

इसके जवाब में उन्होंने कहा कि कश्मीर में माहौल बिगाड़ने का प्रयास कई कारणों से हो रहा है। एक तो 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटाने की चौथी सालगिरह है, साथ ही 2 अगस्त से उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे पर सुनवाई भी शुरू होनी है जिससे पहले प्रयास किया जा रहा है कि हिंसा बढ़ाई जाये ताकि सरकार के शांति संबंधी दावों को खोखला साबित किया जा सके। इसके अलावा कारगिल विजय दिवस भी आ रहा है। यह हमारी विजय का 24वां वर्ष है इसलिए बुरी तरह बौखलाया पाकिस्तान इस तरह की साजिशें कर रहा है। तीसरा इस समय अमरनाथ यात्रा चल रही है जिसमें बाधा पहुँचाने का प्रयास पाकिस्तान शुरू से ही करता रहा है। हालांकि जबसे अनुच्छेद 370 को हटाया गया है तबसे पाकिस्तान को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि जहां तक ऑपरेशन त्रिनेत्र की बात है तो जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में छिपे आतंकवादियों का पता लगाने के लिए सेना और पुलिस का यह संयुक्त प्रयास है। आतंकवादियों को लगातार ढूँढ़ ढूँढ़ कर मारा जा रहा है और उनके हमदर्दों को गिरफ्तार किया जा रहा है ताकि आतंकवाद की कमर को पूरी तरह तोड़ा जा सके। तकनीक की सहायता से हमें आतंकियों और घुसपैठियों की रियल टाइम लोकेशन मिल रही है जिससे हमारे सुरक्षा बलों का काम आसान हो रहा है। आतंकवादियों के भागने के सभी मार्गों को बंद कर दिया गया है और उसके बाद अभियान को जोरशोर से चलाया जा रहा है। 

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, सीमा पार से हथियारबंद आतंकवादियों, हथियारों और नशीले पदार्थों को भेजने की कोशिशों के मद्देनजर वाहनों की आकस्मिक तलाशी और औचक जांच तेज कर दी गई है। जहां तक ऑपरेशन त्रिनेत्र की बात है तो यह पुंछ के मेंढर इलाके में 20 अप्रैल को सुरक्षा बलों के काफिले पर आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के बाद शुरू किया गया था। उस हमले में हमारे पांच जवान शहीद हो गये थे।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि साथ ही जिस तरह से घुसपैठियों के पास से हथियार बरामद हो रहे हैं वह दर्शा रहा है कि पाकिस्तान सबक सीखने को तैयार नहीं है। भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों की मौजूदगी क्षेत्र को अस्थिर करने के प्रयासों का संकेत है और अगर समय पर इन्हें ढेर नहीं किया गया होता तो ये आतंकवादी आने वाले दिनों में बड़ी आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दे सकते थे। यह दिखाता है कि पड़ोसी देश (पाकिस्तान) रुकेगा नहीं और हमारे क्षेत्र में अशांति पैदा करने की कोशिशें जारी रखेगा। लेकिन हम भी नहीं रुकेंगे और इलाके में छुपे सभी आतंकवादियों को ढेर करते रहेंगे।

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