कोविड-19 टीके की बूस्टर खुराक को अनुमति देने का समय आ गया है : चिदंबरम

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चिदंबरम ने कहा, ‘‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आर्थिक हितों की रक्षा करने (संरक्षणवाद) के गलत उत्साह में सरकार लाखों भारतीयों को संक्रमण के खतरे की तरफ धकेल रही है।’’

नयी दिल्ली| ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक को अनुमति देने का समय आ गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के ‘‘आर्थिक हितों की रक्षा करने के गलत उत्साह में’’ लाखों लोगों को संक्रमण के खतरे की तरफ धकेल रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त शोध और अकादमिक अध्ययन उपलब्ध हैं कि बूस्टर खुराक जरूरी है।

चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘कोविशील्ड पर ‘लांसेट’ का अध्ययन जग जाने का समय है कि इसका असर तीन महीने से ज्यादा नहीं रहता। अब बूस्टर खुराक को अनुमति देने का समय आ गया है।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह समय है कि फाइजर और मॉडर्ना जैसे अन्य मंजूर टीकों के इस्तेमाल की अनुमति दी जाए।

चिदंबरम ने कहा, ‘‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के आर्थिक हितों की रक्षा करने (संरक्षणवाद) के गलत उत्साह में सरकार लाखों भारतीयों को संक्रमण के खतरे की तरफ धकेल रही है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर महामारी की तीसरी लहर आती है और टीकाकरण करा चुके लोग बड़ी संख्या में संक्रमित होते हैं तो सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहना चाहिए।’’

‘कोविशील्ड’ का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किया जाता है।

कांग्रेस सरकार की टीका संबंधी रणनीति की आलोचना करती रही है और उसने मांग की है कि टीकाकरण में तेजी लाई जाए तथा कोरोना वायरस की एक और लहर को रोकने के लिए बूस्टर खुराक प्रदान किए जाएं।

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