राज्य में अपराध पर रोक लगाने के लिए क्राइम से संबंधित एक पोर्टल किया जाएगा तैयार - गृह मंत्री

Anil Vij

उन्होंने लंबित मामलों के निस्तारण के संबंध में टाईमलाईन देते हुए कहा कि हम अब सभी की जिम्मेदारी व जवाबदेही फिक्स करने जा रहे हैं कि इस अधिकारी व कर्मचारी की वजह से अमुक मामले में देरी हुई। विज ने कहा कि जिम्मेदारी व जवाबदेही के तहत अब आज से यदि 10 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एसएचओ की होगी।

चंडीगढ़  गृह मंत्री  अनिल विज ने कहा कि अपराध पर रोक लगाने के लिए क्राइम से संबंधित एक पोर्टल तैयार किया जाएगा जिसके बाद हर संबंधित पुलिस अधिकारी अपने स्तर पर पोर्टल के माध्यम से क्राइम के मामले की जानकारी देख सकेगा और उस अमुक मामले पर संबंधित अधिकारी द्वारा आगामी कार्यवाही भी की जाएगी। इसके अलावा, श्री विज ने आज सख्त लहजे में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने यहां जितने भी लंबित मामले हैं उनको जल्द से जल्द निपटाएं। इसी कड़ी में विज ने आज पुलिस अधिकारियों को आगामी मामलों के निस्तारण हेतु समय अवधि भी निर्धारित कर बताईं।

 

गृह मंत्री आज यहां पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों सहित पूरे राज्य से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुडे़ पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, डीएसपी और एएसपी स्तर के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान उन्होंने लंबित मामलों के निस्तारण के संबंध में टाईमलाईन देते हुए कहा कि हम अब सभी की जिम्मेदारी व जवाबदेही फिक्स करने जा रहे हैं कि इस अधिकारी व कर्मचारी की वजह से अमुक मामले में देरी हुई।

श्री विज ने कहा कि जिम्मेदारी व जवाबदेही के तहत अब आज से यदि 10 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एसएचओ की होगी। इसी प्रकार, यदि 20 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित डीएसपी रैंक के अधिकारी की होगी तथा यदि 30 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एएसपी रैंक के अधिकारी की होगी।

इसे भी पढ़ें: हरियाणा में रेल नेटवर्क के विस्तार को लेकर रेल मंत्री से मिले सीएम

ऐसे ही, यदि 45 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एसपी की होगी और संबंधित एसपी को अमुक मामले की देरी के संबंध में अपनी टिप्पणी रिकार्ड सहित देनी होगी कि किस वजह से इस मामले के निस्तारण में देरी हुई है। इसी प्रकार, यदि 60 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित आईजी या सीपी की होगी और संबंधित आईजी या सीपी को अमुक मामले की देरी के संबंध में अपनी टिप्पणी रिकार्ड सहित देनी होगी कि किस वजह से इस मामले के निस्तारण में देरी हुई है। श्री विज ने कहा कि यदि 60 दिन से भी ज्यादा किसी मामले में देरी पाई जाती है तो उस मामले में संबंधित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को रिकार्ड सहित अपना जवाब देना होगा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़