हिमाचल प्रदेश: कांगडा में अभी भी कई लोग लापता, मनाली लेह मार्ग पर बंद रहेगा यातायात

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कांगडा के जिलाधीश निपुण जिंदल व एसपी विमुक्त रंजन ने भी मौके का मुआयना किया है। वह दो किमी पैदल चलकर मौके पर पहुंचे, क्योंकि सड़क पर बना पुल भी बह गया है।उधर मनाली- लेह एनएच पर जिस्पा से आगे वाहनों को 4 बजे के बाद जाने की अनुमति नहीं होगी।

हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा में बारिश में मची तबाही के बाद मंगलवार शुरू हुए राहत एंव बचाव कार्य शुरू होते ही जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है लेकिन अभी तक सड़क परिवहन को बहाल करने में खासी परेशानी आ रही है। प्रदेश भर में  बरसात से 184 सड़कें बाधित हुई हैं। इन्हें बहाल करने के लिए 153 मशीनें लगाई हैं। लोक निर्माण विभाग ने फील्ड स्टाफ का अवकाश रद कर दिया है।  विभाग को 1316.28 लाख का नुकसान का अनुमान है। इस बरसात  में पानी के बहाव में बहे लोगों के बारे में अभी भी कोई पता नहीं चल पाया है। जिससे लोगों में चिंता व मायूसी का आलम है। सबसे अधिक नुक्सान जिला कांगडा के शाहपुर के बोह इलाके में हुआ है जहां दस मकान जमींदोज हो गये हैं  व 15 लोग मलबे में दब गये थे जिनमें  पांच लोगों को जिंदा निकाला जा चुका है जबकि दो की मौत हो चुकी है दनकी लाशें बरामद हुई हैं।

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समाचार लिखे जाने तक लापता लोगों में भीम सिंह, कैंचना देवी, शिव प्रसाद, सुभाष चंद, सब्बू देवी डेढ साल, शिव कुमार, दो बच्चों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। मंगलवार सुबह दोबारा यहां राहत एंव बचाव कार्य शुरू किया गया है यहां एसडीएम शाहपुर, डीएसपी, पुलिस अधीक्षक  कांगडा व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर हैं। विदयुत संचार व पेयजल व्यवस्था को बहाल करने के लिये भी कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।इसके साथ ही 50 के करीब एनडीआरएफ के जवान राहत बचाव कार्य में जुटे हैं। तीन से अधिक जेबीसी सहित अन्य उपकरणों की मदद ली जा रही है। इलाके की मैपिंग की थी, लेकिन आज यहां पर सिर्फ और सिर्फ मलबा ही दिखाई दे रहा है। मोबाइल की लोकेशन के आधार पर एनडीआरएफ की टीम काम कर रही है। एनडीएफआर टीम के साथ होमगार्ड और पुलिस के जवानों के जवान भी डटे हैं। 

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कांगडा के जिलाधीश निपुण जिंदल व एसपी विमुक्त रंजन ने भी मौके का मुआयना किया है। वह दो किमी पैदल चलकर मौके पर पहुंचे, क्योंकि सड़क पर बना पुल भी बह गया है।उधर मनाली- लेह एनएच पर जिस्पा से आगे वाहनों को 4 बजे के बाद जाने की अनुमति नहीं होगी। यह व्यवस्था आज से ही लागू की गई है। गौरतलब है कि बारालाचा से आगे सड़क की दशा को लेकर पर्यटकों की शिकायतों के मद्देनजर जिला प्रशासन ने बीआरओ के अधिकारियों से बैठक के बाद ये फैसला लिया कि जब तक बीआरओ सड़क की स्थिति को बहाल नहीं करता तब तक वाहनों को शाम 4 बजे के बाद जिस्पा से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी।उपायुक्त लाहौल- स्पिति नीरज कुमार ने बताया कि बीआरओ से बैठक के दौरान जानकारी प्राप्त हुई है कि सड़क की दशा को पूरी तरह से सुधारने में करीब एक महीने का समय लगेगा। पुलिस अधीक्षक मानव वर्मा भी इस मौके पर मौजूद रहे।उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल लेह की तरफ प्रतिबंधित समय से  विशेष तौर से फोर बाई फोर की क्षमता वाले वाहन ही उपयोग में लाए जाएं। इसके अलावा बाइक राइडर्स तो इस स्थिति में लेह की तरफ जाने से गुरेज ही करें। उन्होंने कहा कि इस समय मौनसून भी आरंभ हो चुका है। ऐसे में लाहौल-स्पीति का रुख करने वाले एहतियात का पूरा ध्यान रखें ताकि उन्हें बिना वजह परेशानी का सामना ना करना पड़े। उपायुक्त ने कहा कि लेह प्रशासन को भी इस संबंध में अवगत करा दिया है।

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