तीन तलाक कानून ने महिलाओं के सशक्तिकरण में दिया योगदान: जावड़ेकर
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Jul 30 2020 6:57PM
मुख्य कार्यक्रम का आयोजन 31 जुलाई को भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में किया जाएगा जहां केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और नकवी डिजिटल कांफ्रेंस के जरिये देश के अलग अलग स्थानों से मुस्लिम महिलाओं को सम्बोधित करेंगे।
नयी दिल्ली। संसद में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) संबंधी कानून पारित होने के एक वर्ष पूरा होने पर भाजपा ने बृहस्पतिवार को इसके प्रभावों की सराहना करते हुए कहा कि इसने महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान दिया और उन्हें समाज में वह प्रतिष्ठा दिलाई जिसकी वे हकदार हैं। केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा, ‘‘एक साल पहले 30 जुलाई 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन तलाक को समाप्त कर दिया था। इस फैसले ने महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान दिया औरउन्हें समाज में वह प्रतिष्ठा दिलाई जिसकी वे हकदार हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब से यह कानून लागू हुआ है तब से तीन तलाक के मामलों में 82 फीसद कमी आई है।’’
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को सोशल मीडिया में मुस्लिम महिलाओं के वीडियो शेयर किये जिसमें उन्होंने इस कानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है। गौरतलब है कि भाजपा तीन तलाक विरोधी कानून के पारित होने के एक वर्ष पूरा होने को “मुस्लिम महिला अधिकार दिवस” के तौर पर मना रही है। मुख्य कार्यक्रम का आयोजन 31 जुलाई को भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय में किया जाएगा जहां केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और नकवी डिजिटल कांफ्रेंस के जरिये देश के अलग अलग स्थानों से मुस्लिम महिलाओं को सम्बोधित करेंगे।One year ago on 30th July, 2019 @narendramodi government abolished #TripleTalaq. It has contributed to women empowerment and given them the dignity they deserve in our society. Now, #TripleTalaq Cases have dropped by 82% since the law was enacted.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) July 30, 2020
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भाजपा के विभिन्न राज्यों के अल्पसंख्यक मोर्चा एवं महिला मोर्चा द्वारा भी देश भर में डिजिटल तरीके से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) कानून में मुस्लिम पुरुषों द्वारा तीन तलाक दिये जाने का निषेध किया गया है। कानून का उल्लंघन होने की स्थिति में तीन वर्ष तक की जेल का प्रावधान है।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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