'अनुच्छेद 370 की दीवार गिराकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई', प्रधानमंत्री मोदी का लाल किले से संदेश

Shyama Prasad Mukherjee
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रेनू तिवारी । Aug 15 2025 8:27AM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि मुखर्जी भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने वाले दूरदर्शी महापुरुषों को श्रद्धांजलि दी और इसे आकार देने में भूमिका निभाने वाली महिलाओं को विशेष रूप से याद किया। प्रधानमंत्री ने संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘‘संविधान निर्माण में हमारी नारी शक्ति ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हंसा मेहता और दक्षायनी वेलायुधन जैसी नेत्रियों ने भारत के संविधान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।’’ मोदी ने संविधान तैयार करने में डॉ. राजेंद्र प्रसाद, बाबासाहेब बी.आर. आंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे महापुरुषों के योगदान को भी याद किया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि मुखर्जी भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे। मोदी ने कहा, ‘‘हम आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती भी मना रहे हैं। वह भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे।’’

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘जम्मू कश्मीर में धारा 370 की दीवार गिराकर, एक देश-एक संविधान के मंत्र को जब हमने साकार किया, तो हमने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धाजंलि दी।’’ सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को संसद से कानून पारित करके अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को खत्म कर दिया था।

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प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब अपार संभावनाएं थीं, लेकिन चुनौतियां भी बड़ी थीं। भारत 79वें स्वतंत्रता दिवस पर संविधान निर्माताओं को नमन करता है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा लाल किले पर आज कई विशेष महानुभाव उपस्थित हैं। दूर-दराज के गांवों से आए पंचायत के सदस्य हैं, ड्रोन दीदी के प्रतिनिधि हैं, लखपति दीदी के प्रतिनिधि हैं, खेल जगत के लोग हैं, राष्ट्र और जीवन को कुछ न कुछ देने वाले महानुभाव यहां उपस्थित हैं। एक प्रकार से, मैं यहां अपनी आंखों के सामने एक लघु भारत देख रहा हूं। और आज, लाल किला तकनीक के माध्यम से भारत के साथ भी जुड़ा हुआ है।"

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