जम्मू में CISF के काफिले पर आतंकी हमला, दो आत्मघाती हमलावर ढेर

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पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ स्थल का दौरा करने के बाद कहा कि दोनों आतंकवादी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते का हिस्सा थे और उनकी घुसपैठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू कश्मीर यात्रा को बाधित करने की एक बड़ी साजिश हो सकती है।

जम्मू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले फिदायीन हमला करने की आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) की कोशिश शुक्रवार को नाकाम कर दी गयी और सुरक्षाकर्मियों ने मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। मुठभेड़ में सीआईएसएफ का एक अधिकारी भी शहीद हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जम्मू के बाहरी इलाकेसुंजवां में सेना के शिविर के पास तड़के हुई मुठभेड़ में नौ सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ स्थल का दौरा करने के बाद कहा कि दोनों आतंकवादी पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती दस्ते का हिस्सा थे और उनकी घुसपैठ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू कश्मीर यात्रा को बाधित करने की एक बड़ी साजिश हो सकती है।

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शुरुआती जांच के अनुसार, दो आतंकवादी सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ करने के बाद बृहस्पतिवार को जम्मू शहर के बाहरी इलाके में घुसे और वे सेना के शिविर के समीप एक इलाके में थे। डीजीपी ने मुठभेड़ स्थल के पास संवाददाताओं से कहा, कल रात, पुलिस और अन्य बल एक अभियान में शामिल थे, जो पूरा हो गया... रिपोर्टों के अनुसार, दोनों आतंकवादी जेईएम के आत्मघाती दस्ते का हिस्सा थे, जिन्हें पाकिस्तान से भेजा गया था और सुरक्षा बलों के एक शिविर को निशाना बनाने ... ताकि कई लोग हताहत हो सकें।’’ दोनों आतंकवादी आत्मघाती जैकेट पहने हुए थे और भारी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद से लैस थे। सिंह ने कहा, यह मुठभेड़ प्रधानमंत्री की यात्रा से दो दिन पहले हुई। यह जम्मू के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है और यह यात्रा को बाधित करने की एक बड़ी साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘अच्छा हुआ कि हमें समय से जानकारी मिल गई और अभियान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अधिकारियों ने बताया कि अभियान शुक्रवार तड़के करीब चार बजकर 25 मिनट पर शुरू हुआ जब सुंजवां सैन्य शिविर की ओर जा रहे दो आतंकवादियों को सुरक्षाकर्मियों ने देखा। इसी दौरान सीआईएसएफ की एक बस 15 जवानों को लेकर जम्मू हवाई अड्डे की ओर जा रही थी।

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इसके बाद अचानक दोनों आतंकवादियों ने बस की ओर ग्रेनेड फेंका और भागने से पहले बस पर गोलियां चलायीं। इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने बस पर गोलियां चलायी और ग्रेनेड फेंका जिसमें सहायक सब-इंस्पेक्टर (एएसआई) एस. पी. पाटिल की मौत हो गयी और बस में बैठे दो अन्य लोग घायल हो गए। सुरक्षाबलों ने भी उचित जवाब दिया। बाद में सीआईएसएफ ने ट्वीट किया कि आतंकवादियों ने उसके कर्मियों पर तब हमला कर दिया जब वे एक इलाके की घेराबंदी करने और तलाश अभियान चलाने जा रहे थे। अधिकारियों के अनुसार दो पुलिसकर्मी समेत नौ सुरक्षाकर्मी मुठभेड़ में घायल हो गए। सीआईएसएफ के एक जवान और एक पुलिसकर्मी को गंभीर चोटें आयी हैं। उन्होंने बताया कि सीआईएसएफ जवानों के जवाबी कार्रवाई करने पर आतंकवादी भाग गए और मोहम्मद अनवार नामक एक व्यक्ति के घर में घुस गए। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने मकान को घेर लिया और एक आतंकवादी को बाथरूम की तरफ जाते वक्त मार गिराया जबकि उसका साथी छिप गया। उन्होंने बताया कि दूसरे आतंकवादी को ढेर करने के प्रयास लंबे समय तक चले और मुठभेड़ करीब पांच घंटे चली।

मारे गए आतंकवादियों की पहचान के बारे में डीजीपी ने कहा कि जांच जारी है लेकिन प्रथम दृष्टया, ऐसा लगता है कि दोनों पाकिस्तानी नागरिक थे और हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान से घुसपैठ की थी। उन्होंने कहा कि उनका जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का कोई इतिहास नहीं है। पुलिस के अनुसार आतंकवादियों के पास से दो एके-47 राइफल, एक अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर और एक सेटेलाइट फोन भी बरामद किया गया है। प्राधिकारियों ने मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने के अलावा एहतियाती कदम के तौर पर इलाके में तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में सभी निजी और सरकारी स्कूलों में कक्षाएं निलंबित कर दी है। प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेईएम के तीन आतंकवादी 10 फरवरी 2018 को सुंजवां सैन्य शिविर में घुस गए थे और इसके बाद मुठभेड़ में छह जवान समेत सात लोग मारे गए थे। तीनों आतंकवादी भी मार गिराए गए थे। गौरतलब है कि 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर प्रधानमंत्री का यहां से 17 किलोमीटर दूर पाली गांव में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है। यह अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी का सीमा को छोड़कर जम्मू-कश्मीर का पहला दौरा है। उन्होंने राजौरी में 27 अक्टूबर 2019 को और नौशेरा सेक्टर में तीन नवंबर 2021 को सेना के जवानों के साथ दिवाली मनायी थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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