उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर बाल ठाकरे की विचारधारा को छोड़ा : शिंदे

यह आपके द्वारा किया गया विश्वासघात है और आपने कल ये सच बोला था।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने सोमवार को आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस से हाथ मिलाने के लिए दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया। शिवसेना के 57वें स्थापना दिवस के मौके पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) गुट के प्रमुख उद्धव पर तीखा हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बाल ठाकरे की विचारधारा से समझौता किया गया। शिवसेना (यूबीटी) के पूर्ण सत्र के दौरान उद्धव द्वारा दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपने सत्ता के लिए, कुर्सी के लिए बाला साहेब के सिद्धांतों को त्याग दिया।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘बाला साहेब ने एक बार कहा था कि वह शिवसेना को कांग्रेस नहीं बनने देंगे, लेकिन, आज आप (उद्धव) राकांपा और कांग्रेस के साथ चले गए। यह आपके द्वारा किया गया विश्वासघात है और आपने कल ये सच बोला था।’’ शिंदे ने कहा कि आपने (उद्धव) अपने भाषण में पार्टी कार्यकर्ताओं से 20 जून को ‘गद्दार दिवस’ के रूप में मनाने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘जब आपने कहा कि ‘हमारे’ विश्वासघात को एक साल पूरा हो रहा है, तो आप लड़खड़ा गए। लेकिन, आपने तुरंत खुद को सही किया और उन नेताओं को दोषी ठहराया, जिन्होंने पिछले साल पार्टी छोड़ दी थी।
आप देशद्रोही हैं, लेकिन आप तारीख भूल गए।’’शिंदे ने कहा कि उनके और अन्य विधायकों के खिलाफ ‘‘विश्वासघाती’’ होने के आरोप लगाने से उद्धव को जनता की सहानुभूति हासिल करने में मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘आपको लोगों की सहानुभूति नहीं मिलेगी क्योंकि आपने सत्ता के लिए बालासाहेब के सिद्धांतों को त्याग दिया है।’’ शिवसेना में विभाजन और पिछले साल ठाकरे नीत सरकार गिरने के बाद शिंदे द्वारा संबोधित यह पार्टी का पहला स्थापना दिवस कार्यक्रम था।
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