Prabahsakshi NewsRoom: कौन है Abdul Rehman Makki ? UN ने मक्की को क्यों घोषित किया Global Terrorist?

Abdul Rehman Makki
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प्रतिबंध समिति ने मक्की का नाम इस सूची में शामिल करने का कारण बताते हुए कहा कि मक्की और उसके गुर्गे ‘‘धन जुटाने, आतंकी भर्ती करने, युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में हमलों की साजिश रचने में शामिल रहे हैं।’’

संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के उप प्रमुख अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकवादियों के रूप में नामित किया है। भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव से चीन के हाथ खींचने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति ने जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद के रिश्तेदार 68 वर्षीय अब्दुल रहमान मक्की को नामित आतंकवादियों की सूची में शामिल कर दिया। हम आपको बता दें कि इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति जब्त करने, उन पर यात्रा और हथियार संबंधी प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है। 

प्रतिबंध समिति ने मक्की का नाम इस सूची में शामिल करने का कारण बताते हुए कहा कि मक्की और उसके गुर्गे ‘‘धन जुटाने, आतंकी भर्ती करने, युवाओं को हिंसा के लिए कट्टरपंथी बनाने और भारत में विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में हमलों की साजिश रचने में शामिल रहे हैं।’’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति ने कहा कि ‘‘भारत सरकार द्वारा वांछित’’ मक्की को आईएसआईएल या अल-कायदा से जुड़े होने, ‘‘उनके लिए वित्तपोषण करने, साजिश रचने, सुविधा प्रदान करने, तैयारी, या आतंकी कार्यों अथवा गतिविधियों के संयोजन में भाग लेने’’, इनके नाम पर या उनके समर्थन में ‘‘भर्ती करने’’ अथवा उन्हें मदद पहुंचाने वाले कार्य करने और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर लश्कर-ए-तैयबा का सहयोग करने के कारण इस सूची में शामिल किया गया है।

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प्रतिबंध समिति ने कहा, ‘‘मक्की को 15 मई, 2019 को पाकिस्तान सरकार ने गिरफ्तार किया था और वह लाहौर में घर में नजरबंद था। 2020 में एक पाकिस्तानी अदालत ने मक्की को आतंकवाद के वित्तपोषण का दोषी ठहराया और उसे जेल की सजा सुनाई।''

प्रतिबंध समिति ने कहा कि मक्की लश्कर और जमात-उद-दावा में नेतृत्व के पदों पर रहा है, वह लाल किले पर हुए लश्कर के हमले सहित प्रमुख हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है या इसमें शामिल रहा है। लश्कर के छह आतंकवादियों ने 22 दिसंबर, 2000 को लाल किले पर धावा बोल दिया था और किले की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी।

रामपुर हमले में लश्कर के पांच आतंकवादियों ने एक जनवरी, 2008 को रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक शिविर पर हमला किया था जिसमें सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे और एक रिक्शा चालक की मौत हो गई थी। 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों को ‘‘भारत में लश्कर द्वारा सबसे दुस्साहसी हमला’’ बताते हुए प्रतिबंध समिति ने कहा कि पाकिस्तान से लश्कर के 10 आतंकवादियों ने पूर्व निर्धारित लक्ष्यों के साथ मुंबई में अरब सागर के रास्ते प्रवेश किया, जिनमें से आमिर अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया और बाकी मारे गए।

12-13 फरवरी, 2018 के करण नगर, श्रीनगर हमले में लश्कर फिदायीन (आत्मघाती दस्ते) ने श्रीनगर के करण नगर इलाके में सीआरपीएफ (23 बटालियन) के शिविर पर हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया और एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। प्रतिबंध समिति ने कहा कि 30 मई, 2018 के खानपोरा, बारामूला हमले में लश्कर के आतंकवादियों ने तीन नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि 14 जून, 2018 के श्रीनगर हमले में वरिष्ठ पत्रकार और ‘राइजिंग कश्मीर’ के प्रधान संपादक शुजात बुखारी और उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) को लश्कर के आतंकवादियों ने गोली मार दी थी।

नवंबर 2010 में अमेरिकी वित्त विभाग ने मक्की को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल किया था। अमेरिकी विदेश विभाग के ‘रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम’ ने मक्की के बारे में जानकारी देने वाले को 20 लाख अमेरिकी डॉलर तक का इनाम देने की पेशकश की है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जन्मा मक्की लश्कर का उप प्रमुख और जमात-उद-दावा की राजनीतिक मामलों की शाखा का प्रमुख है। मक्की ने लश्कर के विदेश संबंध विभाग के प्रमुख और शूरा (शासी निकाय) के सदस्य के रूप में भी काम किया है। हम आपको यह भी बता दें कि मक्की अमेरिका द्वारा नामित आतंकवादी है और जमात-उद-दावा की मरकजी (सेंट्रल) टीम और दावती (धर्मांतरण) टीम का सदस्य है। मक्की अमेरिका द्वारा फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफटीओ) घोषित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), में नेतृत्व के विभिन्न पदों पर रहा है। उसने लश्कर के अभियानों के लिए धन जुटाने में भी भूमिका निभाई है।

जहां तक मक्की पर लगे प्रतिबंध से पहले की राजनीतिक चालों की बात है तो आपको बता दें कि इस्लामाबाद का सदाबहार दोस्त चीन बार-बार भारत और उसके सहयोगियों द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को सूचीबद्ध करने के प्रयासों पर रोक लगाता रहा है। पिछले साल जून में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव को अंतिम क्षण में बाधित कर दिया था। लेकिन इस बार मक्की पर प्रतिबंध लग ही गया।

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