जदयू में अकेले पड़े आरसीपी सिंह! उपेंद्र कुशवाहा का बयान- भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति
उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी पार्टी जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक आरसीपी सिंह को जदयू की ओर से जारी नोटिस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी को उनके बारे में कुछ जानकारी मिली जो प्रथम दृष्टया से भ्रष्टाचार का मामला लग रहा है।
ऐसा लग रहा है कि जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह के लिए फिलहाल अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं। आरसीपी सिंह अपनी ही पार्टी में अब अलग-थलग पड़ते दिखाई दे रहे हैं। आज जदयू की ओर से उन्हें एक नोटिस भी जारी कर दिया गया है। नोटिस में जदयू की ओर से दावा किया गया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए आरसीपी सिंह ने अपने गृह जिले नालंदा में खूब दौलत बनाई है। इसमें दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन भी शामिल है। अब यही कारण है कि जदयू की ओर से उन्हें नोटिस जारी कर सफाई मांगी गई है। पार्टी की ओर से साफ तौर पर कहा गया है कि आरसीपी सिंह पूरे मामले को लेकर जल्द से जल्द जवाब दाखिल करें। अब किसी को लेकर उपेंद्र कुशवाहा का भी बयान समय आ गया है।
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उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी पार्टी जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक आरसीपी सिंह को जदयू की ओर से जारी नोटिस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी को उनके बारे में कुछ जानकारी मिली जो प्रथम दृष्टया से भ्रष्टाचार का मामला लग रहा है। अब पार्टी उनका पक्ष जानना चाहती है। उसके हिसाब से आगे कार्रवाई की जाएगी। हम भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हैं। इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा से यह भी पूछा गया कि क्या आरसीपी सिंह जदयू में है। इसके जवाब में उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि RCP सिंह जिस तरीके का व्यवहार कर रहें हैं उसको देखकर आपको लगता है कि वो पार्टी में हैं? खुद ही उन्होंने अपना ऐसा रास्ता तैयार कर लिया है जिससे उन्होंने मान लिया है कि वे पार्टी में नहीं हैं।
आपको बता दें कि पिछले साल जदयू की ओर से आरसीपी सिंह को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिला था। हालांकि इस बार के राज्यसभा चुनाव में उन्हें जदयू ने राज्यसभा नहीं भेजा जिसके बाद आरसीपी सिंह को मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा। आरसीपी सिंह पर लगातार हमलावर रहने वाली राष्ट्रीय जनता दल और उसके नेता तेजस्वी यादव भी पूरे मामले को लेकर खामोश हैं। वहीं भाजपा यह कह रही है कि पहले आरसीपी सिंह को जवाब दाखिल करने दीजिए। दोनों दलों की ओर से यह भी दावा किया जा रहा है कि पूरा का पूरा मामला जदयू का आंतरिक है और इसमें हमारा कोई लेना देना नहीं है।
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कुल मिलाकर देखें तो पिछले कुछ दिनों से जदयू आरसीपी सिंह के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। सभी जदयू के सर्वे सर्वा नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे आरसीपी सिंह आजकल हाशिए पर चल रहे हैं। नीतीश कुमार के साथ में उनके संबंध अच्छे नहीं दिखाई दे रहे हैं। कई बार तो जदयू की ओर से यह दावा भी कर दिया गया है कि जो नीतीश चाहते हैं वही होगा। नीतीश जिसे चाहे उसे बनाते हैं और जिसे चाहे उसे नीचे गिरा देते हैं। ऐसा लग रहा है कि कहीं ना कहीं आरसीपी सिंह का राजनीतिक कैरियर फिलहाल किसी बड़े संकट में है। अगर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार सिद्ध होता है तो नीतीश कुमार आरसीपी सिंह को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं।
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