उत्तराखंड: अब किस सीट से चुनाव लड़ेंगे पुष्कर सिंह धामी, 6 महीने के अंदर सदन का सदस्य बनना जरुरी

 Pushkar Singh Dhami

पुष्कर सिंह धामी के लिए 6 विधायक पहले ही अपनी सीट छोड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं। चंपावत से विधायक कैलाश गहटोदी और कपकोट से विधायक सुरेश गाड़िया के अलावा चार अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपना समर्थन दिया और उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की।

पुष्कर सिंह धामी फिर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री होंगे। वो राज्य की खटीमा सीट से चुनाव मैदान में थे, लेकिन कड़े मुकाबले में वे चुनाव हार गए। राज्य में पार्टी की जीत के बाद यह सवाल पैदा हो गया कि मुख्यमंत्री कौन होगा? लेकिन पार्टी ने एक बड़ा नीतिगत बदलाव किया और हारे हुए उम्मीदवार धामी को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया।

पुष्कर सिंह धामी को बीजेपी विधायक दल ने भले ही अपना नेता मान लिया हो, लेकिन 6 महीने के भीतर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना होगा। पुष्कर सिंह धामी को संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत 6 महीने के भीतर सदन का सदस्य बनना होगा। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार पुष्कर सिंह धामी अब किस सीट से चुनाव लड़ेंगे?

कई विधायक अपनी सीट छोड़ने को है तैयार

पुष्कर सिंह धामी के लिए 6 विधायक पहले ही अपनी सीट छोड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं। चंपावत से विधायक कैलाश गहटोदी और कपकोट से विधायक सुरेश गाड़िया के अलावा चार अन्य विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपना समर्थन दिया और उनके लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की। खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा भी अपनी सीट छोड़ने का लिखित प्रस्ताव धामी को दे चुके हैं, जबकि डीडीहाट सीट से विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल अगर राज्यसभा भेजा जाता है, तो यह बीजेपी और पुष्कर सिंह धामी के लिए सबसे सुरक्षित सीट हो सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार धामी इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। फिलहाल पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल गुरमीत सिंह से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। धामी का शपथ ग्रहण समारोह 23 मार्च को देहरादून के परेड ग्राउंड में होगा। 

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