वाराणसी: गंगा की सहायक नदी वरुणा ने किनारा छोड़कर आबादी क्षेत्र में किया प्रवेश

वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है गंगा का जल घाटों को छोड़कर अब गलियों की तरफ रूख कर चुकी है व घाटों की दैनिक आरती छतों पर हो रही है शवों को गलियों में जलाया जा रहा है लेकिन इसके साथ ही सहायक नदियों का भी जलस्तर बढ़ता जा रहा है और अब निचले इलाकों में रहने वाले आवासीय क्षेत्र में पानी का प्रवेश हो जाने से लोगो को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
पहाड़ी स्थानों पर लगातार बारिश के चलते वाराणसी में गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में 84 घाटों का संपर्क खत्म होने के बाद वाराणसी में गंगा की सहायक नदी वरुणा भी अपने उफान रूप दिखाने लगी है। ऐसे में वरुणा नदी ने भी अपना किनारा छोड़कर आबादी क्षेत्र में घुसने लगी तो ऐसे मे लोगों को पलायन का सामना करना पड़ रहा है। बीते 1 हफ्ते से लगातार गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है गंगा का जल घाटों को छोड़कर अब गलियों की तरफ रूख कर चुकी है व घाटों की दैनिक आरती छतों पर हो रही है शवों को गलियों में जलाया जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही सहायक नदियों का भी जलस्तर बढ़ता जा रहा है और अब निचले इलाकों में रहने वाले आवासीय क्षेत्र में पानी का प्रवेश हो चुका है।
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केंद्रीय जल आयोग के ताजा आंकड़ों की अगर बात करें तो वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है और गंगा का जलस्तर अभी 69.3 मीटर तक पहुंच चुका है जिसका असर नदियों के किनारे रहने वाले लोगों पर पड़ रहा है। घरों में पानी आ जाने की वजह से उन्हें अब पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसकी साफ तस्वीरे सरैया के इलाके देखा जा सकता है कि लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ सामान को ले कर सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हो गए है।
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