वीरप्पा मोइली की मांग, धनुष-बाण के साथ भगवान राम के चित्र का इस्तेमाल नहीं किया जाए

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भूमि पूजन के अवसर को सभी जातियों और धर्मों के लोगों को एक करने के अवसर के तौर पर प्रस्तुत करना चाहिए।
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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भूमि पूजन के अवसर को सभी जातियों और धर्मों के लोगों को एक करने के अवसर के तौर पर प्रस्तुत करना चाहिए। मोइली ने कहा कि भगवान राम ने हमेशा समाज में सेतु बनाने का काम किया और वह कभी ‘‘आक्रामक’’ नहीं रहे। रामायण के किष्किंधा और लंका कांड का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि भगवान ने कभी इन दोनों क्षेत्रों को अयोध्या से नहीं जोड़ा और बल्कि उन्होंने तो सुग्रीव और विभीषण को राजा बनाया। मोइली ने कहा कि भगवान राम ने सभी को स्वतंत्रता दी थी। वह एक समावेशी समाज बनाना चाहते थे। इस तरह की अवधारणा पेश करनी होगी।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया था और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय ही ‘‘हमने राम मंदिर को खोला था।’’ मोइली ने कहा, ‘‘हम सभी राम, कृष्ण को पूजते हैं। धर्म संकीर्ण नहीं होना चाहिए, धर्म समावेशी होना चाहिए। किसी के दमन या किसी को हराने के लिए धर्म का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस समावेशी समाज के पक्ष में है, अलग-थलग समाज के पक्ष में नहीं। लेकिन जिस तरह से उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराई, देशभर में कितने लोग मारे गये, इससे दरार पैदा हुई। कांग्रेस नेता ने कहा कि राम मंदिर देश की एकता के लिए होना चाहिए, ना कि देश के विभाजन के लिए।अन्य न्यूज़












