विहिप ने कर्नाटक के राज्यपाल से किया मुसलमानों को कोटा देने संबंधी विधेयक को मंजूरी न देने का आग्रह

 Karnataka Governor
ANI

ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने संविधान का मसौदा तैयार करते समय धर्म आधारित आरक्षण का कड़ा विरोध किया था।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात कर सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव करने संबंधी विधेयक को खारिज करने का अनुरोध किया।

विहिप ने प्रस्तावित विधेयक को ‘‘संविधान के सिद्धांतों के विरुद्ध’’ बताया। कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (संशोधन) विधेयक, 2025 पिछले सप्ताह विधानसभा द्वारा पारित किया गया था, जिसके तहत दो करोड़ रुपये तक के (सिविल) कार्यों और एक करोड़ रुपये तक के माल/सेवा खरीद अनुबंध में मुसलमानों को चार प्रतिशत का आरक्षण का प्रावधान किया गया था। अब विधेयक को अधिनियम बनने के लिए राज्यपाल की स्वीकृति आवश्यक है।

ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने संविधान का मसौदा तैयार करते समय धर्म आधारित आरक्षण का कड़ा विरोध किया था। अनुच्छेद 15 स्पष्ट रूप से राज्य को धर्म या जाति के आधार पर नागरिकों के बीच भेदभाव करने से रोकता है।’’

विहिप ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देकर वोट बैंक की राजनीति कर रही है। विहिप ने कहा कि एक विशेष वोट बैंक को खुश करने के लिए सरकारी ठेकों में आरक्षण की पेशकश ‘‘राष्ट्रीय अखंडता, एकता और संप्रभुता के लिए खतरा’’ है।

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