विजयन ने केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन पर साधा निशाना, कहा- ‘अति आत्मविश्वास’ वाली बात उनकी ‘अज्ञानता’ दिखाती है

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केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में केरल के ‘अति आत्मविश्वास’ की वजह से दो जिलों में संक्रमण के मामले बढ़ गए। विजयन ने इसका जवाब देते हुए कहा, ‘‘मुझे विश्वास नहीं होता कि एक केंद्रीय मंत्री यह बात कहेंगे। अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो यह उनकी अज्ञानता दर्शाता है।’’

तिरुवनंतपुरम। केरल में कोविड-19 के मामलों से निपटने में ‘अति आत्मविश्वास’ दिखाने के कारण दो जिलों में संक्रमण के मामले बढ़ने की केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन की बात पर मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार को कहा कि यह बयान केंद्रीय मंत्री की ‘अज्ञानता’ दर्शाता है। विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे विश्वास नहीं होता कि एक केंद्रीय मंत्री यह बात कहेंगे। अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो यह उनकी अज्ञानता दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की प्रतिक्रिया किसी केंद्रीय मंत्री को बिल्कुल शोभा नहीं देती। मुझे भरोसा नहीं होता कि वह इस तरह की कोई बात कहेंगे। राज्य ने गंभीरता से विचार-विमर्श के बाद जोनों के संबंध में फैसला लिया है।’’ केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने 28 अप्रैल को एक फेसबुक पोस्ट में आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में केरल के ‘अति आत्मविश्वास’ की वजह से इड्डुक्कि और कोट्टयम जिलों में संक्रमण के मामले बढ़ गए। उनकी इस टिप्पणी के जवाब में राज्य के पर्यटन मंत्री कडकम्पल्ली सुरेंद्रन ने पलटवार करते हुए कहा कि वह इसके बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात का आकलन करें (जहां लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं) और विभिन्न देशों में फंसे प्रवासियों को वापस लाने पर ध्यान केन्द्रित करें। 

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मुरलीधरन ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि इड्डुक्कि और कोट्टयम को ग्रीन जोन घोषित करते हुए केरल के पांव जमीन पर नहीं टिक रहे। उन्होंने लिखा था, ‘‘ कुछ घंटों बाद ही इन जिलों में नए मामले सामने आ गए। सरकार सतर्क होने के बजाय अपना गुणगान कर रही थी, जिसके चलते परेशानी में पड़ गई। जनसंपर्क गतिविधियों में लिप्त होने की बजाय उन्हें वैश्विक महामारी से निपटने पर ध्यान देना चाहिए।’’ केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता की इन टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए सुरेंद्रन ने उनसे दूसरे राज्यों से केरल का मॉडल अपनाने की अपील करने को कहा। 

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सुरेंद्रन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘गुजरात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गृह राज्य है और वहां लगातार कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। देश के अधिकतर शहर कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं। राष्ट्रीय राजधानी उनकी नाक के नीचे है। उनके पास, जो वे करना चाहें उसका अधिकार है। तब भी वहां वायरस नियंत्रण के बाहर है।’’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि अगर कोविड-19 से निपटने में केरल की ओर से कोई कमी रह भी गई है तो केन्द्रीय मंत्री सहित कोई भी उस ओर ध्यान दिला सकता है। सुरेंद्रन ने कहा कि केरल के अधिकतर जिलों की सीमा अन्य राज्यों के साथ लगी है। उन्होंने इड्डुक्कि का जिक्र करते हुए कहा कि इस जिले की सीमा तमिलनाडु से लगी है। उन्होंने कहा, ‘‘केरल में प्रभावित कुछ लोग दूसरे राज्यों से आए थे।अहमदाबाद में कई मामले हैं। क्या इसलिए कि वहां लॉकडाउन नहीं है?’’ उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री को ऐसी टिप्पणी करने से पहले वास्तविकता को समझना चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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