ज्वालामुखी में श्रद्धालुओं की मारपीट के मामले में वायरल वीडियो में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा

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अजय कुमार ने बताया कि यहां पर पुलिस थाना में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें डराना धमकाना शुरू कर दिया। वहां पर मंदिर से आये लोगों ने उनके साथ दोबारा से बदतमीजी करनी शुरू कर दी। इस दौरान थाना में तैनात एक कर्मी जिसके कंधे पर सिंगल स्टार लगा था। उन्होने थाने में ही समझौता कराने के लिये 27 हजार रुपये देने के लिये विवश किया। वह लोग इस मामले में कुछ भी नहीं कर पाये

ज्वालामुखी ।  हिमाचल प्रदेश के जिला कांगडा के प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी में दो दिन पहले शयन आरती के दौरान अमृतसर के मजीठा इलाके के तीर्थयात्रियों से बेरहमी से हुई मारपीट के मामले में बुरी तरह पीटे गये एक यात्री अजय कुमार ने अपनी आपबीती बताते हुए कई रौंगटे खडे करने वाले खुलासे किये हैं। जिससे ज्वालामुखी में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठ खडे हो गये है। हैरानी की बात है कि पीड़ितों को पुलिस तक से समुचित सहयोग तक नहीं मिल पाया। उल्टे पुलिस वालों ने उनसे मोटी रकम समझौता कराने की एवज में ऐंठ ली। 

 

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मजीठा के रहने वाले अजय कुमार ने बताया कि वह लोग  पंजाब के जिला अमृतसर के मजीठा से ज्वाला देवी को दर्शन करने के लिये निकले थे। व रात करीब आठ बजे धर्मशाला से निकले और कुछ देर बाद मंदिर में पहुंचे। उनके ग्रुप में करीब 50 लोग थे। सभी लोग दर्शन करने के बाद शैया भवन के पास बैठ गये और भजन कीर्तन करने लगे। दन्हें पहले ही पता था कि मंदिर दस बजे बंद हो जाता है।

इस लिहाज से वहां कीर्तन करने लगे। इस दौरान वहां एक शख्स जिसने नीली वर्दी पहनी थी व दूसरा जिसने खाकी वर्दी पहनी थी। उनके पास आये और और उनसे बदतमीजी करने लगे। कि वहां से उठ जाओं मंदिर बंद हो जायेगा। उतने में एक ने पतली लाठी से उन पर प्रहार कर दिया।  जब उन लोगों ने उससे बदतमीजी करने का कारण पूछना चाहा तो वहां कुछ और लोग आ गये और शैया भवन में पूजा करवाने वाले पुजारी ने भी उनसे गाली गलौज शुरू कर दी।  जिससे माहौल बिगड़ गया। व उनके साथ आये बुजुर्ग , बच्चों व महिलाओं को भी चोटें लगीं। हालात इस कदर भयानक बन गये कि  मंदिर का मेन गेट बंद कर उन्हें वहां ही मारने कि तैयारी कर ली गई थी। 

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लेकिन बीच बचाव क रवह लोग वहां से भागकर ज्वालामुखी बस अड्डे पर पहुंचे तो वहां मेडिकल स्टोर पर दवाई लेने के लिये पहुंचे तो मेडिकल स्टोर वाले ने भी उनकी कोई मदद नहीं की। उल्टे उनके साथ बदतमीजी की।  इतनी देर में मंदिर की ओर से युवाओं का एक भारी जत्था मेडिकल स्टोर के पास पहुंचा और उन पर टूट पडा।  जिससे वहां अफरा तफरी के महौल में कई लोगों को चोटें लगीं।  हालात बिगड़ते देख अजय कुमार अपने मोबाइल से पुलिस थाना ज्वालामुखी से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई। उसके बाद वहां तीन पुलिस वाले पहुंचे और उन्हें थाना ले आये।  उसके बाद ज्वालामुखी पुलिस थाना से उन्हें सिविल अस्पताल ज्वालामुखी लाया गया।

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पुलिस वाले मेडिकल करवाने लाये थे। लेकिन यहां भी मंदिर से आये अराजक तत्वों ने डॉक्टरों को डराया धमकाया। और मेडिकल करवाने में बाधा उत्पन्न की। पुलिस उसके बाद उन्हें थाना वापिस ले आई। अजय कुमार ने बताया कि यहां पर पुलिस थाना में तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें डराना धमकाना शुरू कर दिया। वहां पर मंदिर से आये लोगों ने उनके साथ दोबारा से बदतमीजी करनी शुरू कर दी। इस दौरान थाना में तैनात एक कर्मी जिसके कंधे पर सिंगल स्टार लगा था।  उन्होने थाने में ही समझौता कराने के लिये 27 हजार रुपये देने के लिये विवश किया। वह लोग इस मामले में कुछ भी नहीं कर पाये। व उन्होंने अपनी मरहम पट्टी भी पंजाब में आकर करवाई।

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