Wayanad landslides: पैदल ही मलबे में चल पड़े PM मोदी, पीड़ितो से भी मिले, कहा- यह सामान्य आपदा नहीं, हज़ारों सपने चकनाचूर हुए
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आपदा सामान्य नहीं है। हज़ारों परिवारों के सपने चकनाचूर हो गए हैं। मैंने मौके पर जाकर हालात देखे हैं। मैंने राहत शिविरों में पीड़ितों से मुलाकात की है, जिन्होंने इस आपदा का सामना किया है। मैंने अस्पताल में घायल मरीजों से भी मुलाकात की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्थिति का आकलन करने के लिए भूस्खलन प्रभावित वायनाड का दौरा किया। 30 जुलाई को आई इस आपदा में कम से कम 226 लोगों की जान चली गई है और कई लोग अभी भी लापता हैं। इसे केरल में आई सबसे भयंकर प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है। पीड़ितों से मुलाकात के पीएम मोदी ने बड़ी बैठक भी की। इसके बाद मोदी ने कहा कि जिस दिन यह घटना हुई, उस सुबह मैंने सीएम पिनाराई विजयन से बात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि हम सहायता प्रदान करेंगे और जल्द से जल्द घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश करेंगे।
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मोदी ने आगे कहा कि NDRF, SDRF, सेना, पुलिस, डॉक्टर, सभी ने पीड़ितों की जल्द से जल्द मदद करने की कोशिश की। मैं मृतकों के परिवारों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि वे अकेले नहीं हैं। हम सभी उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केरल सरकार के साथ खड़ी है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पैसे की कमी के कारण कोई भी काम बाधित न हो। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की घटना के बारे में जब से मुझे पता चला है, तब से मैं लगातार इसकी जानकारी ले रहा हूँ। केंद्र सरकार की सभी एजेन्सियाँ जो इस आपदा में मदद कर सकती थीं, तुरंत मदद के लिए जुट गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आपदा सामान्य नहीं है। हज़ारों परिवारों के सपने चकनाचूर हो गए हैं। मैंने मौके पर जाकर हालात देखे हैं। मैंने राहत शिविरों में पीड़ितों से मुलाकात की है, जिन्होंने इस आपदा का सामना किया है। मैंने अस्पताल में घायल मरीजों से भी मुलाकात की है। अधिकारियों ने बताया कि मोदी कन्नूर हवाई अड्डे से वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिये वायनाड पहुंचे और 30 जुलाई को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित चूरलमाला क्षेत्र में पैदल चलकर नुकसान का जायजा लिया।
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मोदी ने एक राहत शिविर का भी दौरा किया, जहां भारी भूस्खलन के कारण विस्थापित हुए कई लोग रह रहे हैं। उन्होंने घटना से प्रभावित कुछ लोगों से बातचीत की। इनमें दो बच्चे भी शामिल थे, जिन्होंने इस आपदा में अपने प्रियजनों को खो दिया। इस आपदा में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है। बाद में, प्रधानमंत्री ने दोपहर करीब ढाई बजे मेप्पाडी स्थित शिविर का दौरा किया और वहां करीब आधा घंटा बिताया तथा कुछ लोगों से बातचीत की।
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