हमें अपने घरों में सीता को बचाना होगा: मोदी

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के लिए समान अधिकार की वकालत करते हुए लोगों से अपील की कि लड़के और लड़की के बीच भेदभाव बंद होना चाहिए और ‘अपने घरों की सीता’ को बचाना चाहिए। मोदी ने मंगलवार को यहां रामलीला मैदान में कहा, ‘‘मैं जरा अपने आपसे और देशवासियों से पूछना चाहता हूं कि एक सीता माता के ऊपर अत्याचार करने वाले रावण को तो हमने हर वर्ष जलाने का संकल्प किया है क्योंकि उसने सीता का अपहरण किया था। लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि जब पूरा विश्व आज बालिका दिवस मना रहा है, तब हम बेटे और बेटी में फर्क करके मां के गर्भ में कितनी सीताओं को मौत के घाट उतार देते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे भीतर के इस रावण को कौन खत्म करेगा। आज भी 21वीं सदी में क्या मां के गर्भ में बेटियों को मारा जाएगा। एक सीता के लिए जटायू बलि चढ़ सकता है तो हमारे घर में पैदा होने वाली सीता को बचाना हम सबका दायित्व होना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि घर में बेटा पैदा होने पर जितना स्वागत और सम्मान होता है, बेटी पैदा होने पर उससे भी ज्यादा सम्मान और आदर होना चाहिए। इसे हमें अपना स्वभाव बनाना होगा।
साथ ही मोदी ने जिक्र किया कि हाल ही में संपन्न ओलंपिक खेलों में देश की बेटियों ने देश का नाम रोशन किया है। ‘‘बेटे बेटी का फर्क हमारे यहां रावण रूपी मानसिकता का द्योतक है।’’ उन्होंने कहा कि शिक्षित या अशिक्षित, गरीब या अमीर, शहरी या ग्रामीण, किसी भी संप्रदाय के क्यों ना हो, किसी भी सामाजिक पृष्ठभूमि के क्यों ना हो लेकिन बेटियां समान होनी चाहिए। महिलाओं के अधिकार समान होने चाहिए। महिलाओं को 21वीं सदी में न्याय मिलना चाहिए। महिलाओं का सम्मान करना होगा और बेटियों को बचाना होगा, उनका सम्मान करना होगा।
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