जब भावुक होते हुए असम में रतन टाटा ने कहा- मैं अपने अंतिम वर्षों को स्वास्थ्य को समर्पित करता हूं

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अंकित सिंह । Apr 28 2022 8:27PM

रतन टाटा ने कहा कि असम में 17 कैंसर देखभाल केंद्रों का एक नेटवर्क सभी को कम खर्च पर उपचार उपलब्ध कराएगा क्योंकि यह (कैंसर) ‘अमीर लोगों का रोग’ नहीं है। इस तरह के सात केंद्रों के उद्घाटन के अवसर पर रतन टाटा ने कहा कि इन संस्थानों के कारण असम को विश्व स्तरीय उपचार मुहैया करने वाले राज्य के रूप में मान्यता मिलेगी।

असम के लिए आज का दिन बेहद ही खास रहा। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असम के दौरे पर थे। इसी दौरान असम में सात में कैंसर अस्पतालों की आधारशिला रखी गई जबकि छह कैंसर अस्पतालों का उद्घाटन भी किया गया। इसी मौके पर बोलते हुए जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा ने एक भावुक स्पीच दे दी। इसी दौरान उन्होंने कहा कि मैं अपने अंतिम वर्षों को स्वास्थ्य के लिए समर्पित करता हूं। उन्होंने लोगों से अपील की कि असम को एक ऐसा राज्य बनाएं जो सभी को पहचाने और जिसे सब पहचाने। इसके साथ ही अंग्रेजी में स्पीच देते हुए उन्होंने हिंदी में बात ना कर पाने के लिए माफी भी मांग ली। उन्होंने कहा कि मैं हिंदी नहीं बोल पाऊंगा इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा। लेकिन जो बोल रहा हूं वह मेरे सीधे दिल की बात है। इतना सुनते ही वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजानी शुरू कर दी।

अपनी लड़खड़ाते हुई जुबान में रतन टाटा ने कहा कि असम में 17 कैंसर देखभाल केंद्रों का एक नेटवर्क सभी को कम खर्च पर उपचार उपलब्ध कराएगा क्योंकि यह (कैंसर) ‘अमीर लोगों का रोग’ नहीं है। इस तरह के सात केंद्रों के उद्घाटन के अवसर पर रतन टाटा ने कहा कि इन संस्थानों के कारण असम को विश्व स्तरीय उपचार मुहैया करने वाले राज्य के रूप में मान्यता मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘असम के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। कैंसर के उपचार के लिए उच्चतर स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सुविधा, जो अब तक राज्य में उपलब्ध नहीं थी वह यहां लाई गई है। ’’ टाटा ने कहा, ‘‘असम यह अब कह सकता है कि भारत का एक छोटा राज्य भी विश्व स्तरीय कैंसर उपचार सुविधाओं से लैस है।’’ 

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इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात कैंसर देखभाल केंद्रों का उदघाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान और इस तरह के और सात केंद्रों की आधारशिला भी रखी। इन केंद्रों का विकास राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट्स के संयुक्त उद्यम असम कैंसर केयर फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा है। नेटवर्क के तहत अन्य तीन अस्पताल इस साल के अंत में खोले जाएंगे। परियोजना की आधारशिला जून 2018 में रखी गई थी। लकड़ी की धुआं युक्त आंच पर सेंके गये मांस, तंबाकू और सुपारी के उपभोग के चलते असम में कैंसर रोग की अधिक मौजूदगी है।

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