कश्मीर में संकट को लेकर प्रधानमंत्री कब जागेंगे: उमर
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी में हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘चुप्पी’’ को लेकर सवाल उठाया है और उसे ‘‘दिल तोड़ने वाली एवं चिंताजनक’’ करार दिया है।
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घाटी में हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘चुप्पी’’ को लेकर सवाल उठाया है और उसे ‘‘दिल तोड़ने वाली एवं चिंताजनक’’ करार दिया है। उमर ने शुक्रवार देर रात ट्विटर पर लिखा, ‘‘दिल तोड़ने वाली एवं चिंताजनक। केंद्र (माननीय प्रधानमंत्री पढ़ें) यहां संकट को लेकर कब जागेगा?’’ वह शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई में तीन लोगों के मारे जाने पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
विपक्षी नेशनल काफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष ने घाटी में सुधार संबंधी केंद्र के दावे को लेकर शुक्रवार को उस पर निशाना साधा था। उमर ने लिखा, ‘‘एक और दुर्भाग्यपूर्ण मौत, आज अनगिनत लोग घायल हुए और केंद्र माननीय उच्चतम न्यायालय को बताता है कि ‘चीजें सुधर रही हैं’। वाह।’’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि केवल सत्तारूढ़ गठबंधन साझीदार पीडीपी एवं भाजपा इस रुख से सहमत है। उमर ने कहा, ‘‘सच में? यह किस हद की कल्पना है? मैं भाजपा-पीडीपी को छोड़कर घाटी में किसी ऐसे व्यक्ति ने नहीं मिला हूं जो इस बात से सहमत हो।’’
केंद्र ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि कश्मीर घाटी में आठ जुलाई को हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिंसा भड़कने के बाद से कानून-व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। उसने कहा कि नौ जुलाई को हुए 201 हिंसक प्रदर्शनों की संख्या तीन अगस्त को कम होकर 11 हो गई। घाटी में शुक्रवार को तीन लोगों की मौत होने के साथ ही हिंसा में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है।
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