- |
- |
आखिर कौन हैं AIMIM विधायक अख्तरुल इमान जिन्होंने शपथ के दौरान हिंदुस्तान बोलने से किया था इनकार
- अंकित सिंह
- नवंबर 24, 2020 16:45
- Like

अख्तरुल इमान पूर्णिया के अमौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। इन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के सबा जफर को हराया है। इमान के राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई थी। 1985 में उन्होंने राजनीतिक तौर पर खुद को आगे बढ़ाने की शुरुआत की।
बिहार विधानसभा में सोमवार को एआईएमआईएम के एक नवनिर्वाचित सदस्य ने उर्दू में शपथ लेते हुए ‘हिंदुस्तान’ शब्द के स्थान पर ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया और इसी नाम के उपयोग की वकालत भी की। उर्दू में शपथ ग्रहण के दौरान ‘हिंन्दुस्तान’ के स्थान पर ‘भारत’ शब्द के उपयोग को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। असदुद्दीन ओवैसी कह पार्टी एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने उर्दू में शपथ लेने के क्रम में उसके प्रारूप में लिखित ‘हिंदुस्तान’ के बजाय संविधान में प्रयुक्त शब्द ‘भारत’ का उपयोग करने का अनुरोध किया। इसपर सदन के प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी ने कहा कि भारत का संविधान तो हमेशा से चला आ रहा है, आज कोई नई बात नहीं है, सभी उसी नाम पर शपथ लेते हैं। शपथ ग्रहण के बाद जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि उन्हें ‘हिंदुस्तान’ शब्द से क्या आपत्ति है, इमान ने कहा, मुझे इस शब्द को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी, मात्र एक संशोधन था।
इसे भी पढ़ें: माता का ऐसा चमत्कारी मंदिर जहां बगैर रक्त बहाए दी जाती है 'बलि'
सबसे पहले आपको यह बता देते हैं कि अख्तरुल इमान पूर्णिया के अमौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक है। इन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के सबा जफर को हराया है। इमान के राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई थी। 1985 में उन्होंने राजनीतिक तौर पर खुद को आगे बढ़ाने की शुरुआत की। 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने कोचाधामन से राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता भी। 2010 में वह उस सीट को बचाने में कामयाब रहे। कोचाधामन से वह 2014 तक विधायक रहे। 2013 में अख्तरुल इमान अचानक सुर्खियों में आ गए। उन्होंने योगासन के सूर्य नमस्कार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया। सरकार पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाया।
इसे भी पढ़ें: AIMIM विधायक ने शपथ लेते वक्त हिंदुस्तान शब्द के स्थान पर ‘भारत’ शब्द का किया उपयोग
2014 में अख्तरुल इमान ने राष्ट्रीय जनता दल का दामन छोड़ जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने किशनगंज सीट से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा पर मतदान के दिन से 10 दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस के मोहम्मद अंसारउल हक का यह कहते हुए समर्थन कर दिया कि वह मुसलमानों का वोट बढ़ते नहीं देना चाहते हैं। इसके बाद अख्तरुल इमान की राजनीति हैदराबाद के एआईएमआईएम की तरफ झुकने लगी। 2015 में वह इसके सदस्य बने और कोचाधामन से एक बार फिर से बिहार विधानसभा चुनाव लड़ा। रैलियों में पार्टी के कार्यकर्ता इन्हें शेरे-ए-बिहार बुलाते थे और बिहार का असदुद्दीन ओवैसी के तौर पर पेश करते थे।
इसे भी पढ़ें: बिहार में कोरोना से और छह लोगों की मौत, संक्रमित मामले बढकर 2,31,044 हुए
इसी दौरान अख्तरुल इमान ने कहा था कि जब पासवान और यादव समाज के लोगों की अपनी पॉलिटिकल पार्टी हो सकती है तो फिर मुसलमानों का क्यों नहीं हो सकती है। हालांकि 2015 में वह जदयू के मुजाहिदीन आलम से चुनाव हार गए। लेकिन वह एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने एक बार फिर से किशनगंज सीट से अपनी उम्मीदवारी ठोकी लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इमाम लगातार सीमांचल को स्पेशल स्टेटस देने की मांग करते रहे हैं। बिहार में मुस्लिम ध्रुविकरण को लेकर उनकी राजनीति काफी चमकदार रह सकती है। जिस तरीके से उन्होंने शुरुआत में ही इतनी सुर्खियां बटोर ली है, कहीं ना कहीं आने वाले दिनों में वह बिहार में मुसलमानों के नेता के तौर पर उभर सकते हैं।
दो महीने से चल रहा किसान आंदोलन दिल्ली हिंसा के बाद पड़ा कमजोर, किसानों ने खोया समर्थन !
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 28, 2021 08:37
- Like

रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने फोन पर बताया, प्रदर्शनकारियों ने मसानी कट विरोध स्थल को खाली कर दिया है और उनमें से कुछ टीकरी चले गए हैं, जबकि कुछ जय सिंहपुरा खेड़ा गांव (हरियाणा-राजस्थान सीमा पर राजस्थान में) गए हैं।
चंडीगढ़। ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के बाद हरियाणा में विरोध कर रहे किसान बुधवार को अपना समर्थन खोते दिखे। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में कम से कम 15 गांवों की एक पंचायत ने बुधवार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेरा डाले किसानों से 24 घंटे के भीतर सड़क खाली करने को कहा। पुलिस ने बताया कि तीन जनवरी से जयपुर-दिल्ली राजमार्ग पर रेवाड़ी में मसानी बैराज कट के पास धरना दे रहे किसानों ने बुधवार शाम तक वह स्थान खाली कर दिया।
इसे भी पढ़ें: लाल किला हिंसा मामले में अभिनेता दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना के खिलाफ मामला दर्ज
रेवाड़ी के पुलिस अधीक्षक अभिषेक जोरवाल ने फोन पर बताया, प्रदर्शनकारियों ने मसानी कट विरोध स्थल को खाली कर दिया है और उनमें से कुछ टीकरी चले गए हैं, जबकि कुछ जय सिंहपुरा खेड़ा गांव (हरियाणा-राजस्थान सीमा पर राजस्थान में) गए हैं। कई अन्य लोग घर लौट गए हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले कई हफ्तों से राज्य में राजमार्गों पर कई टोल प्लाजा के पास घेराबंदी कर रहे किसानों ने शाम तक विरोध स्थलों को खाली कर दिया।
मध्य प्रदेश में कोरोना के 185 नये मामले, 06 लोगों की मौत
- दिनेश शुक्ल
- जनवरी 28, 2021 08:35
- Like

स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार देर शाम जारी कोरोना से संबंधित हेल्थ बुलेटिन में दी गई। नये मामलों में इंदौर-21, भोपाल-60, जबलपुर-16 के अलावा अन्य जिलों में 10 से कम मरीज मिले हैं। इनमें 22 जिले ऐसे हैं, जहां आज नये प्रकरण शून्य रहे।
इसे भी पढ़ें: शादी का झांसा देकर दो साल से कर रहा था दुष्कर्म, आरोपी गिरफ्तार
इसे भी पढ़ें: श्रीराम मंदिर के नाम पर भाजपा देशवासियों को डराकर कर रही है चंदा- दिग्विजय सिंह
इसे भी पढ़ें: राजस्थान सड़क हादसे में मध्य प्रदेश के 8 लोगों की मौत,राजगढ़ जिले का रहने वाला था परिवार
लाल किला हिंसा मामले में अभिनेता दीप सिद्धू और लक्खा सिधाना के खिलाफ मामला दर्ज
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 28, 2021 08:29
- Like

अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति को क्षति से रोकथाम अधिनियम और अन्य कानूनों की प्रासंगिक धाराओं के तहत उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है।
नयी दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में अभिनेता दीप सिद्धू और ‘गैंगस्टर’ से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना के नाम लिए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सार्वजनिक संपत्ति को क्षति से रोकथाम अधिनियम और अन्य कानूनों की प्रासंगिक धाराओं के तहत उत्तरी जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है।
इसे भी पढ़ें: भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने अपना धरना वापस लिया, 57 दिनों बाद चिल्ला बॉर्डर फिर से खोला गया
प्राथमिकी में प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों और अवशेष अधिनियम तथा शस्त्र अधिनियम के प्रावधानों को भी जोड़ा गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक लाल किला 27 जनवरी से 31 जनवरी तक आगंतुकों के लिए बंद रहेगा।

