विश्व कप सर्वश्रेष्ठ संसदीय परंपराओं का भारतीय संसद में भी होगा अमल

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[email protected] । Jun 21 2019 8:36PM

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत में चुनाव हमेशा पारदर्शी ढंग से हुए हैं और अगर ऐसा नहीं होता तो कांग्रेस 1977 में आपातकाल के बाद पराजित नहीं होती।

नयी दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि वह दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ संसदीय परंपराओं के बारे में जानकारी लेंगे ताकि यहां सदन को बेहतर से बेहतर ढंग से चलाया जा सके। उन्होंने सदस्यों का आह्वान किया कि वह अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंचने से परहेज करें। बिरला ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा कि भारत में चुनाव हमेशा पारदर्शी ढंग से हुए हैं और अगर ऐसा नहीं होता तो कांग्रेस 1977 में आपातकाल के बाद पराजित नहीं होती। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कई विपक्षी नेताओं ने ईवीएम की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। 

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सदन को चलाने के लिए अपनी प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह सदन की गरिमा बढ़ाने के लिए काम करेंगे और सदस्यों को सलाह दी कि वे नियमों का अनुसरण करें। बिरला ने कहा कि वह दुनिया के बड़े लोकतांत्रिक देशों में संसदीय प्रक्रियाओं को देखेंगे और लोकसभा में उनसे सर्वश्रेष्ठ व्यवहार को अमल में लाए जाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने सदन को गरिमामयी ढंग से चलाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि आसन के निकट पहुंचकर जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे क्यों लगाना? जो ये करना चाहते हैं उन्हें सदन के बाहर करने की आजादी है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि हर सदस्य की आवाज सुनी जाए। गौरतलब है कि 19 जून को बिरला को सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। वह राजस्थान के कोटा से सांसद हैं। 

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