Prabhasakshi Exclusive: ऑपरेशन दोस्त के बाद क्या तुर्किये की भारत विरोधी सोच में परिवर्तन आयेगा?

Turkey  Flag
Creative Commons licenses

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना महामारी के समय भी जब दुनिया के बड़े देश अपनी कोरोना रोधी वैक्सीन और उसके फॉर्मूले को बाकी दुनिया को नहीं दे रहे थे तब भारत के विमान 'वैक्सीन मैत्री' अभियान के जरिये दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संजीवनी पहुँचा रहे थे।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी से हमने पूछा कि भारत ने बचाव उपकरण, राहत सामग्री और मेडिकल दल के साथ कई विमान भूकंप प्रभावित तुर्किये भेजे...क्या भारत के इस मैत्री अभियान के बाद तुर्किये की सोच में परिवर्तन आयेगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि तुर्किये से वैचारिक मतभेद होने के बावजूद भारत ने आपदा के समय मानवीय हितों को ही सर्वोपरि रखा और भूकंप प्रभावित तुर्किये और सीरिया में राहत कार्यों के लिए तत्काल अपना हाथ आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय भी जब दुनिया के बड़े देश अपनी कोरोना रोधी वैक्सीन और उसके फॉर्मूले को बाकी दुनिया को नहीं दे रहे थे तब भारत के विमान 'वैक्सीन मैत्री' अभियान के जरिये दुनिया के विभिन्न हिस्सों में संजीवनी पहुँचा रहे थे। विश्व शक्ति होने का दावा भले कई अन्य देश करें लेकिन विश्व कल्याण की भावना रखने वाला देश पूरी दुनिया में एक ही है। भारत का ऑपरेशन दोस्त तुर्किये में लोगों को बड़ा लाभ पहुँचा रहा है। भारत से गये एनडीआरएफ के जवान, डॉक्टर अन्य राहत कर्मी आदि जिस तरह तुर्किये के लोगों का दिल जीत रहे हैं वह दुनिया देख रही है। लेकिन इस सबके बावजूद तुर्किये के वर्तमान राष्ट्रपति के भारत विरोधी रुख में परिवर्तन शायद ही आये। 

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: क्या ताइवान को धमकी दे रहा चीन उस पर हमला करने की हिम्मत दिखा सकता है?

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी जी ने कहा कि जब तक एर्दोगन तुर्किये के राष्ट्रपति हैं तब तक दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में बड़ा सुधार आने की गुंजाइश नहीं है। लेकिन एक बात जरूर है कि भारत में जिस तरह तुर्किये के लोगों की मदद के लिए लोग राहत सामग्री एकत्रित कर रहे हैं और तुर्किये के लोग जिस तरह भारत से मिली मदद और भारतीय दलों से मिल रही सहायता को सराह रहे हैं, उसने दोनों देशों के स्तर पर जनता से जनता के बीच के संबंधों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि संभव है जनता के इस मजबूत संबंध को देखकर एर्दोगन को भी सद्बुद्धि आये।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़