यात्रा से जुडे हितधारकों ने सरकार से श्रद्धालुओं का अनिवार्य पंजीकरण वापस लेने को कहा

Yatra stakeholders
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यात्रा मार्ग से जुड़े व्यापारियों, होटल मालिकों, टैक्सी यूनियन, तीर्थ पुरोहित सहित स्थानीय लोगों ने बड़कोट नगर क्षेत्र में ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया तथा हनुमान चौक पर सरकार का पुतला फूंकते हुए श्रद्धालुओं के अनिवार्य पंजीकरण तथा दर्शनार्थियों की संख्या सीमित करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।

अगले माह शुरू हो रही चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अनिवार्य पंजीकरण एवं दर्शन के लिए उनकी संख्या सीमित करने पर रोष प्रकट करते हुए मंगलवार को यमुनोत्री धाम से जुडे व्यवसायियों तथा अन्य हितधारकों ने उत्तराखंड सरकार का पुतला फूंका। यात्रा मार्ग से जुड़े व्यापारियों, होटल मालिकों, टैक्सी यूनियन, तीर्थ पुरोहित सहित स्थानीय लोगों ने बड़कोट नगर क्षेत्र में ढोल नगाड़ों के साथ जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया तथा हनुमान चौक पर सरकार का पुतला फूंकते हुए श्रद्धालुओं के अनिवार्य पंजीकरण तथा दर्शनार्थियों की संख्या सीमित करने के निर्णय को वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों ने इस संबंध में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक ज्ञापन भी भेजा जिसमें कहा गया है कि चारधाम श्रद्धालुओं एवं स्थानीय लोगों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त की जाए तथा धाम में दर्शनार्थियों की संख्या सीमित करने के प्रस्ताव को वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं करती है तो इसका घोर विरोध किया जाएगा और अनिश्चितकालीन अनशन किया जाएगा।

उन्होंने यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के दिन 22 अप्रैल को अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की भी चेतावनी दी। चारधाम होटल एसोसियेशन के अध्यक्ष अजय पुरी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय गलत है और देश में कहीं भी दर्शनार्थियों की संख्या तय करने की परंपरा नहीं है। यमुनोत्री धाम तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष पुरूषोत्तम उनियाल ने कहा कि बीते वर्ष भी श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की अनिवार्यता एवं धामों में दर्शन हेतु संख्या सीमित किए जाने के कारण बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों को बिना दर्शन किये वापस जाना पडा।

उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि इस साल होने वाली चारधाम यात्रा में इस प्रकार की परेशानी न हो। चारधामों में प्रतिदिन दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तय किए जाने का प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन है, हांलांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है। इस वर्ष की चार धाम यात्रा 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व से गंगोत्री एवं यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ शुरू हो रही है। बदरीनाथ धाम और केदारनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खुलेंगे।

कोविड— 19 के कारण दो साल के अंतराल के बाद पिछले साल पूरी तरह से शुरू हुई चारधाम यात्रा में रिकार्ड 47 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आए थे और इस बार ये रिकार्ड टूटने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि चारधाम यात्रा के पोर्टल पर अभी तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं जबकि गढवाल मंडल विकास निगम के अतिथि गृहों के लिए भी पांच करोड रू की बुकिंग अब तक मिल चुकी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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