यूपी चुनाव में योगी बनाएंगे रिकॉर्ड या दोहराया जाएगा पुराना इतिहास, जानें अब तक के मुख्यमंत्रियों को

Yogi
अंकित सिंह । Jan 6 2022 7:12PM

उत्तर प्रदेश की कमान भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों को भी मिल चुकी है जबकि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलो का दबदबा भी देखने को मिल चुका है। उत्तर प्रदेश हमेशा राजनीति का प्रयोगशाला माना जाता है। वर्तमान में यहां भाजपा का शासन है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं। हालांकि अब तक उत्तर प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मायावती ही मुख्यमंत्री रही हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने है। राजनीतिक लिहाज से देखें तो उत्तर प्रदेश अपने आप में बेहद ही दिलचस्प राज्य है। उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां की राजनीतिक परिस्थितियों से ही देश की राजनीति तय होती है। इतना ही नहीं, केंद्र की सत्ता में अगर किसी पार्टी को अपना दबदबा बरकरार रखना है तो उत्तर प्रदेश उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती है। वैसे तो उत्तर प्रदेश में अब तक 21 मुख्यमंत्री हो चुके हैं। आजादी के बाद से ही उत्तर प्रदेश हमेशा राजनीति का केंद्र रहा है। जब देश में कांग्रेस का दबदबा था तब उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की तूती बोलती थी। जब जनता पार्टी आई तो भी उत्तर प्रदेश में हमने बदलाव देखा और भाजपा के वर्चस्व के समय में भी उत्तर प्रदेश पर भगवा का खुमार देखा गया। उत्तर प्रदेश की कमान भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियों को भी मिल चुकी है जबकि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी जैसे क्षेत्रीय दलो का दबदबा भी देखने को मिल चुका है। उत्तर प्रदेश हमेशा राजनीति का प्रयोगशाला माना जाता है। वर्तमान में यहां भाजपा का शासन है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं। हालांकि अब तक उत्तर प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मायावती ही मुख्यमंत्री रही हैं। मायावती ने कुल 7 वर्ष 16 दिन मुख्यमंत्री रही हैं। इसके बाद मुलायम सिंह यादव 6 वर्ष 274 दिन मुख्यमंत्री रहे हैं। सबसे कम समय के लिए त्रिभुवन नारायण सिंह मुख्यमंत्री रहे हैं। वह  167 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे।

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योगी आदित्यनाथ- योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के फिलहाल मुख्यमंत्री हैं। वह भाजपा के कद्दावर नेता भी हैं। योगी आदित्यनाथ की पहचान प्रखर और तेज तर्रार नेता के रूप में होती है। हिंदुत्व को लेकर वह लगातार मुखर रहते हैं। योगी आदित्यनाथ गोरक्षनाथ मंदिर के महंत भी हैं। 19 मार्च 2017 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभाली। फिलहाल उन्हीं के नेतृत्व में भाजपा चुनावी मैदान में उतरने वाली है। 49 वर्षीय योगी आदित्यनाथ 1998 में पहली बार चुनावी राजनीति में आए। मात्र 26 साल की उम्र में उन्होंने गोरखपुर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वह लगातार पांच बार गोरखपुर से सांसद रह चुके हैं। 1998 से लेकर 2017 तक वह सांसद रहे। फिलहाल वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। 

चलिए अब हम आपको बताते हैं कि अब तक उत्तर प्रदेश के कौन-कौन लोग मुख्यमंत्री रह चुके हैं

गोविंद बल्लभ पंत- गोविंद बल्लभ पंत को उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने 26 जनवरी 1950 से लेकर 27 दिसंबर 1954 तक राज्य का नेतृत्व किया। गोविंद बल्लभ पंत कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं और बरेली से विधानसभा चुनाव जीते थे।

संपूर्णानंद- वाराणसी दक्षिण से चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के संपूर्णानंद ने 5 वर्ष से 344 दिन तक के राज्य में शासन किया है। संपूर्णानंद 28 दिसंबर 1954 से लेकर 6 दिसंबर 1960 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

चंद्र भानु गुप्ता- कांग्रेस के ही चंद्र भानु गुप्ता 7 दिसंबर 1960 से लेकर 1 अक्टूबर 1963 तक राज्य का नेतृत्व किया। वह रानीखेत दक्षिण से चुनकर आए थे। चंद्र भानु गुप्त ने एक बार फिर से 14 मार्च 1967 से लेकर 2 अप्रैल 1967 तक राज्य की कमान संभाली। चंद्र भानु गुप्ता को तीसरी बार 26 फरवरी 1969 से लेकर 17 फरवरी 1970 तक राज्य में मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। 

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सुचेता कृपलानी- देश की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में सुचेता कृपलानी ने उत्तर प्रदेश की कमान संभाली। 2 अक्टूबर 1963 से लेकर 13 मार्च 1967 तक वह राज्य की मुख्यमंत्री रहीं। 

चौधरी चरण सिंह- किसान नेता के तौर पर उत्तर प्रदेश में अपनी अलग पहचान बना चुके चौधरी चरण सिंह छपरौली से जीतकर विधायक बने थे। उन्होंने राज्य में पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया। भारतीय क्रांति दल के चौधरी चरण सिंह 3 अप्रैल 1967 से लेकर 25 फरवरी 1968 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। चौधरी चरण सिंह दूसरी बार 18 फरवरी 1970 से लेकर 1 अक्टूबर 1970 तक मुख्यमंत्री रहे। 

त्रिभुवन नारायण सिंह 18 अक्टूबर 1970 से लेकर 3 अप्रैल 1971 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 

कमलापति त्रिपाठी- कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे कमलापति त्रिपाठी चंदौली से विधायक थे। 4 अप्रैल 1971 से लेकर 12 जून 1973 तक के राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 

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हेमवती नंदन बहुगुणा- बारा से चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता हेमवती नंदन बहुगुणा ने 8 नवंबर 1973 से लेकर 29 नवंबर 1975 तक राज्य का नेतृत्व किया। 

नारायण दत्त तिवारी- नारायण दत्त तिवारी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। वह काशीपुर से चुनाव जीते थे। उन्होंने 21 जनवरी 1976 से लेकर 30 अप्रैल 1977 तक राज्य का नेतृत्व किया। बाद में नारायण दत्त तिवारी को फिर मौका मिला। उन्होंने 3 अगस्त 1984 से लेकर 24 सितंबर 1985 तक राज्य का नेतृत्व किया। इसके बाद नारायण दत्त तिवारी ने 25 जून 1988 से लेकर 5 दिसंबर 1989 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 

राम नरेश यादव- उत्तर प्रदेश में पहली बार जनता पार्टी की सरकार बनी तो राम नरेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया। निधौली कला से चुनाव जीतने वाले राम नरेश यादव 23 जून 1977 से लेकर 27 फरवरी 1979 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 

बाबू बनारसी दास- हापुड़ से चुनाव जीतने वाले बाबू बनारसी दास ने भी जनता पार्टी की सरकार का नेतृत्व किया। वह 28 फरवरी 1979 से लेकर 17 फरवरी 1980 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।

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विश्वनाथ प्रताप सिंह- देश के पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने भी उत्तर प्रदेश का नेतृत्व किया है। तिंदवारी से चुनाव जीतने वाले विश्वनाथ प्रताप सिंह 9 जून 1980 से लेकर 18 जुलाई 1982 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वह कांग्रेस के उस वक्त दिग्गज नेता थे।

श्रीपति मिश्रा- इसौली से चुनाव जीतने वाले श्रीपति मिश्रा ने भी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया है। वह 19 जुलाई 1983 से लेकर 2 अगस्त 1984 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।

वीर बहादुर सिंह- पनियारा से चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के वीर बहादुर सिंह 24 सितंबर 1985 से लेकर 24 जून 1988 तक राज्य की कमान संभाली। 

मुलायम सिंह यादव- उत्तर प्रदेश की राजनीति करवट ले रही थी और मुलायम सिंह यादव का उदय हो रहा था। जनता दल की सरकार का नेतृत्व करते हुए मुलायम सिंह यादव ने राज्य की कमान 5 दिसंबर  1989 से लेकर  24 जून 1991 तक संभाली। वह यशवंत नगर से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। समाजवादी पार्टी के गठन के बाद मुलायम सिंह यादव ने फिर से 4 दिसंबर 1993 से लेकर 3 जून 1995 तक राज्य में शासन किया। इसके बाद मुलायम सिंह यादव 29 अगस्त 2003 से लेकर 13 मई 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 

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कल्याण सिंह- अयोध्या आंदोलन की रथ पर सवार होकर भाजपा ने उत्तर प्रदेश में सत्ता हासिल की। कल्याण सिंह उसके पहले मुख्यमंत्री बने। अतरौली से चुनाव जीतने वाले कल्याण सिंह 24 जून 1991 से लेकर 6 दिसंबर 1992 तक राज्य का नेतृत्व किया। कल्याण सिंह को दोबारा 21 सितंबर 1997 से लेकर 12 नवंबर 1999 तक राज्य के नेतृत्व करने का मौका मिला। 

मायावती- दलित राजनीति के दम पर उभरने वाली मायावती उत्तर प्रदेश का नेतृत्व करने वाली दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं। पहली बार 3 जून 1995 से लेकर 18 अक्टूबर 1995 तक वह मुख्यमंत्री रहीं। इसके बाद दोबारा उन्हें 21 मार्च 1997 से लेकर 21 सितंबर 1997 तक मुख्यमंत्री रहने का मौका मिला। उत्तर प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रहने वाली मायावती हरोरा से चुनाव जीती थीं। तीसरी बार उन्हें 3 मई 2002 से 29 अगस्त 2003 तक मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला। जबकि चौथी बार वह 13 मई 2007 से लेकर 15 मार्च 2012 तक मुख्यमंत्री रहीं। 

राम प्रकाश गुप्ता- भाजपा के बड़े नेता रहे राम प्रकाश गुप्ता 12 नवंबर 1999 से लेकर 28 अक्टूबर 2000 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का नेतृत्व करने वाले वह दूसरे मुख्यमंत्री रहे। 

राजनाथ सिंह- वर्तमान में देश के रक्षा मंत्री और गृह मंत्री रह चुके राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश में भी मुख्यमंत्री का दायित्व निभाया है। 28 अक्टूबर 2000 से लेकर 7 मार्च 2002 तक उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार का नेतृत्व किया है। वह हैदर गढ़ से विधायक थे।

अखिलेश यादव- समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने 15 मार्च 2012 को राज्य में कमान संभाली और 19 मार्च 2017 तक वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वर्तमान में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष है और राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। 

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