APJ Abdul Kalam Death Anniversary: पायलट बनना चाहते थे एपीजे अब्दुल कलाम, संघर्ष से बनें 11वें राष्ट्रपति

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तमिलनाडु के रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और मां का नाम आशियम्मा था। अब्दुल कलाम का बचपन काफी संघर्षों में बीता था।

आज ही के दिन यानी की 27 जुलाई को भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। वह एक अद्भुत वैज्ञानिक थे, जिनको हम सभी मिसाइल मैन के नाम से जानते हैं। डॉ अब्दुल कलाम ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है। उनको प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन के 40 साल रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के लिए काम करते हुए बिताया। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...

बचपन में रहा संघर्ष

तमिलनाडु के रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और मां का नाम आशियम्मा था। अब्दुल कलाम का बचपन काफी संघर्षों में बीता था। साथ ही उन्होंने आर्थिक परेशानियां दूर करने के लिए अखबार बांटा था। उन्होंने बतपन की पढ़ाई रामेश्वर से की है। इसके बाद साल 1954 में त्रिची के सेंट जोसेफ कॉलेज से साइंस की डिग्री हासिल की। 

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इसके बाद अब्दुल कलाम ने साल 1957 मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। फिर उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में भी किया था। साथ ही वह रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे।

पायलट बनना चाहते थे 

बता दें कि अब्दुल कलाम बचपन में पायलट बनना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। वह वैज्ञानिक बन गए और साल 2002 से लेकर 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे। वह हमेशा स्टूडेंट्स को प्रेरित करते थे और बड़े सपने देखने के लिए कहते थे।

पुरस्कार

डॉ अब्दुल कलाम को साल 1981 में पद्म भूषण, साल 1990 में पद्म विभूषण और साल 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

मृत्यु

वहीं 27 जुलाई 2015 को IIM शिलांग में लेक्चर देते समय डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।

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