Manohar Parrikar Birth Anniversary: गोवा में BJP के संकटमोचन थे मनोहर पर्रिकर, 4 बार संभाली राज्य की कमान

भारतीय राजनेता और गोवा के पूर्व सीएम रहे मनोहर पर्रिकर का 13 दिसंबर को जन्म हुआ था। परिकर का बचपन से ही राजनिति में रुझान अधिक था। पर्रिकर को गोवा में भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा संकटमोचन कहा जाता था।
आज ही के दिन यानी की 13 दिसंबर को गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर का जन्म हुआ था। उनके हिस्से में कई ऐसे काम आए, जो उनसे पहले किसी ने नहीं किए होंगे। बता दें कि मनोहर पर्रिकर से पहले गोवा से केंद्र सरकार में कोई कैबिनेट मंत्री नहीं बना था। वह पहले ऐसे गोवानी नेता थे। जो मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल होकर रक्षा मंत्री के पद पर रहे। परिकर का बचपन से ही राजनिति में रुझान अधिक था। पर्रिकर को गोवा में भारतीय जनता पार्टी का सबसे बड़ा संकटमोचन कहा जाता था। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर मनोहर पर्रिकर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
गोवा के पास मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को मनोहर पर्रिकर का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर स्थानीय लॉयोला हाई स्कूल में पढ़ाई की। फिर उन्होंने आईआईटी मुंबई में बीटेक में एडमिशन लिया। वहीं साल 1978 में आईआईटी मुंबई से एमटेक किया। फिर वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए।
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उत्तरी गोवा के प्रमुख संगठनकर्ता
आरएसएस से जुड़ने के बाद संघ ने पर्रिकर की प्रतिभा को सम्मान दिया और महज 26 साल की उम्र में संघ ने उनको बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। फिर रामजन्मभूमि आंदोलन के समय वह उत्तरी गोवा में प्रमुख संगठनकर्ता थे। इसके बाद 39 साल की उम्र में वह गोवा विधानसभा में पहली बार बतौर बीजेपी विधायक चुनकर पहुंचे। इसके बाद मनोहर पर्रिकर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
सियासी सफर
पहली बार विधायक बनने के 5 साल बाद वह गोवा विधानसभा में नेता विपक्ष बन गए। फिर 5 साल बाद अक्तूबर 2000 में गोवा में बीजेपी की सरकार बनी तब मनोहर पर्रिकर 45 साल की उम्र में मुख्यमंत्री बने। मनोहर पर्रिकर के नाम देश का पहला ऐसा मुख्यमंत्री बनने का गौरव रहा, जो आईआईटी से बीटेक और एमटेक कर चुका हो।
साल 2000 में गोवा विधानसभा चुनाव में पर्रिकर की अगुवाई में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की और वह दूसरी बाद राज्य के सीएम बने। फिर साल 2005 में उनको राजनीतिक संकट का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके 4 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इससे पर्रिकर की सरकार अल्पमत में आ गई और गिर गई। फिर 2012 में असेंबली चुनाव में पार्टी ने 40 में से 24 सीटों पर जीत हासिल की और तीसरी बार पर्रिकर राज्य के सीएम बने।
वहीं साल 2014 में जब केंद्र में मोदी सरकार बनी, तो नवंबर 2014 में पर्रिकर को नई जिम्मेदारी सौंपी गई और वह रक्षा मंत्री बने। पर्रिकर के कार्यकाल में कई रक्षा सौदों को मंजूरी मिली। साल 2017 में गोवा विधानसभा चुनाव में मनोहर पर्रिकर ने फिर से गोवा की कमान संभाली।
मृत्यु
वहीं कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ते हुए मनोहर पर्रिकर ने 17 मार्च 2019 को इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
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