Mukesh Birth Anniversary: शोमैन राज कपूर की आवाज कहे जाते थे मुकेश, ऐसे बनाई थी इंडस्ट्री में जगह

मुकेश का जन्म 22 जुलाई 1923 को हुआ था और उनका पूरा नाम मुकेश चंद्र माथुर था। इनके पिता का नाम जोरावर चंद्र माथुर था, जोकि पेशे से इंजीनियर थे। मुकेश 10 भाई-बहन थे और वह छठे नंबर पर थे। मुकेश को बचपन से ही गाने में रुचि थी और वह अपने क्लासमेट्स को गाना गाकर सुनाया करते थे।
हिंदी सिनेमा में कई ऐसे गायक हुए, जो आज भी अपने बेहतरीन गानों के लिए याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक गायक मुकेश थे। आज ही के दिन यानी की 22 जुलाई को मुकेश का जन्म हुआ था। मुकेश को अभिनेता राज कपूर की आवाज कहा जाता था। मुकेश भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज करते हैं। मुकेश सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी काफी फेमस थे। उनकी आवाज को काफी ज्यादा पसंद किया गया। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर मुकेश के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और परिवार
मुकेश का जन्म 22 जुलाई 1923 को हुआ था और उनका पूरा नाम मुकेश चंद्र माथुर था। इनके पिता का नाम जोरावर चंद्र माथुर था, जोकि पेशे से इंजीनियर थे। मुकेश 10 भाई-बहन थे और वह छठे नंबर पर थे। मुकेश को बचपन से ही गाने में रुचि थी और वह अपने क्लासमेट्स को गाना गाकर सुनाया करते थे। मुकेश ने 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी और पीडब्लूडी में नौकरी करने लगे थे। मुकेश हमेशा से फिल्मों में काम करना चाहते थे।
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सिंगिंग करियर
मुकेश एक बार अपने रिश्तेदार मोतीलाल की बहन की शादी में गाना गा रहे थे। मुकेश की आवाज मोतीलाल को इतनी पसंद आई कि वह उनको लेकर मुंबई चले गए। मुंबई में मोतीलाल ने मुकेश को गाने की ट्रेनिंग दिलाई। वहीं साल 1941 में आई फिल्म निर्दोष में भी मुकेश ने अभिनय किया था और इस फिल्म के सभी गाने भी गाए थे। इसके बाद सिंगर ने 'आह', 'अनुराग', 'माशूका' और 'दुल्हन' जैसी फिल्मों में भी बतौर अभिनेता काम किया।
मुकेश ने अपने करियर में सबसे पहला गाना 'दिल ही बुझा हुआ हो तो' गाया था। फिल्म इंडस्ट्री में मुकेश का शुरूआती दौर काफी मुश्किलों भरा था। लेकिन एक दिन के.एल सहगल पर मुकेश की आवाज का जादू चल गया। जिसके बाद उन्होंने मुकेश को गाने का मौका दिया। राज कपूर के लिए एक-दो गाने गाने के बाद ही 50 के दशक में मुकेश को 'शोमैन की आवाज' कहा जाने लगा था। मुकेश ने 'दोस्त-दोस्त न रहा', 'जीना यहां मरना यहां', 'कहता है जोकर', 'आवारा हूं' जैसे हिट गाने दिए।
मुकेश ने अपने 40 साल के लंबे करियर में करीब 200 से अधिक फिल्मों के लिए गाने गाए। मुकेश उस जमाने के हर सुपरस्टार की आवाज बन गए थे। मुकेश की आवाज का जादू लोगों पर इस कदर था कि एक बार एक लड़की बीमार हो गई थी। लड़की अपनी मां से बोली कि यदि मुकेश आकर उसको अपना गाना सुनाएं, तो वह ठीक हो सकती है। डॉक्टर से यह बात पता लगने पर मुकेश फौरन उस लड़की से मिलने पहुंच गए और उसको गाना गाकर सुनाया।
मृत्यु
बता दें कि 27 अगस्त 1976 को अमेरिका में एक स्टेज शो में परफॉर्मेंस के दौरान मुकेश को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मुकेश के निधन पर राज कपूर ने कहा था कि मेरी आवाज और आत्मा दोनों चली गईं।
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