Neerja Bhanot Death Anniversary: ब्रेव डॉटर ऑफ इंडिया कही जाती हैं नीरजा भनोट, बेमिसाल काम कर बचाई थी यात्रियों की जान

Neerja Bhanot
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आज ही के दिन यानी की 05 सितंबर को नीरजा भनोट की मृत्यु हो गई थी। वह एक ऐसी फ्लाइट पर्सन थीं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए विमान अपहरण की घटना में 360 लोगों की जान बचाई थी।

एविएशन की दुनिया में नीरजा भनोट एक ऐसा नाम हैं, जिनकी हमेशा चर्चा होती रहती है। आज ही के दिन यानी की 05 सितंबर को नीरजा भनोट की मृत्यु हो गई थी। वह एक ऐसी फ्लाइट पर्सन थीं, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए विमान अपहरण की घटना में 360 लोगों की जान बचाई थी। दरअसल, मुंबई से उड़ान भरने वाले विमान को फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने कराची के जिन्ना हवाई अड्डे पर का हाइजैक कर लिया था। इस दौरान नीरजा भनोट ने साहस और बहादुरी दिखाते हुए बेमिसाल काम किया था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर नीरजा भनोट के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में... 

जन्म और शिक्षा

चंडीगढ़ में 07 सितंबर 1963 को नीरजा भनोट का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम हरीश भनोट था, जोकि एक पत्रकार थे और मां रमा भनोट हाउसवाइफ थीं। नीरजा ने अपनी शुरूआती शिक्षा चंडीगढ़ से पूरी की। बाद में उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया और नीरजा ने आगे की पढ़ाई मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से पूरी की थी।

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शादी में मिला दर्द

साल 1985 में नीरजा भनोट की शादी एक बिजनेसमैन के साथ ही। लेकिन उनके और पति के बीच सब ठीक नहीं था। नीरजा का पति उनको दहेज के लिए परेशान करता था। ऐसे में नीरजा ने शादी के 2 महीने बाद ही पति का घर छोड़ दिया और अपने माता-पिता के घर वापस आ गईं। इसके बाद उन्होंने अपने मॉडलिंग प्रोजेक्ट पूरे किए। इस बात को काफी कम लोग जानते होंगे कि उस दौरान नीरजा टॉप मॉडल थीं।

नीरजा ने करीबन 22 विज्ञापनों में काम किया था और उनको फिल्मों में भी काफी दिलचस्पी थी। इतना ही नहीं नीरजा भनोट अभिनेता राजेश खन्ना की बहुत बड़ी फैन थीं। वह अक्सर उनके डायलॉग बोला करती थीं।

ज्वॉइन की एयरलाइन

नीरजा को बचपन से ही प्लेन में बैठने और आकाश में उड़ने की दिलचस्पी थी। उन्होंने अपने मॉडलिंग के शौक को पूरा करने के बाद एयरलाइंस ज्वाइन की। इसके बाद उन्होंने पैन एएम के लिए अप्लाई किया औऱ उनका सिलेक्शन हो गया। फिर उनको ट्रेनिंग के लिए मियामी और फ्लोरिडा भेजा गया।

बर्थडे से दो दिन पहले गई जान

नीरजा भनोट का पैन एमए की फ्लाइट 73 की सीनियर पर्सन थीं। यह फ्लाइट उस समय मुंबई से अमेरिका जा रही थी और इसके ठीक दो दिन बाद नीरजा का बर्थडे था। तभी पाकिस्तार से कराची एयरपोर्ट पर प्लेन को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया। इस दौरान फ्लाइट में 19 क्रू मेंबर्स और 360 यात्री थे। वहीं नीरजा की इंफोर्मेंशन के बाद फ्लाइट के तीन सदस्य पायलट, को पायलट और फ्लाइट इंजीनियर कॉकपिट फ्लाइट छोड़कर भाग गए।

आतंकवादी इस फ्लाइट को साइप्रस ले जाना चाहते थे। जिससे कि वह फिलिस्तीन कैदियों को रिहा करा सकें। आतंकियों ने फ्लाइट को हाईजैक करने के बाद पाक सरकार से पायलट की मांग की। जब पाक सरकार ने उनकी मांग को रिजेक्ट कर दिया तो आतंकियों ने विमान में बैठ अमेरिकी यात्रियों को मारने का फैसला किया। इसी दौरान नीरजा ने फ्लाइट में सवार यात्रियों को एमरजेंसी विंडो के के बारे में बताया। नीरजा को पता था कि फ्लाइट का ईंधन खत्म होते ही अंधेरा छा जाएगा। जैसे ही फ्लाइट का ईंधन खत्म हुआ, नीरजा ने इमरजेंसी विंडो खोल दी और यात्री नीचे कूदने लगे। वहीं नीरजा ने आतंकियों को उलझाए रखा और यात्रियों को बाहर निकालने में सफल रहीं।

शहीद हो गईं नीरजा

यात्रियों के निकलने के बाद नीरजा भी फ्लाइट से कूदने वाली थीं, तभी उनको एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। लेकिन वह जैसे ही बच्चे को लेकर फ्लाइट के दरवाजे पर आईं, उनके सामने एक आतंकी आ गया। नीरजा ने उस बच्चे की जान बचा ली, लेकिन वह खुद मारी गईं।

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