Shivaji Maharaj Death Anniversary: मराठा साम्राज्य के पहले छत्रपति थे शिवाजी महाराज, इनकी मौत आज भी बनी है रहस्य

Shivaji Maharaj
Creative Commons licenses

आज ही के दिन यानी की 03 अप्रैल को छत्रपति शिवाजी का निधन हो गया था। वह प्रमुख राजनेता, साम्राज्य के संस्थापक और मराठा साम्राज्य के प्रथम छत्रपति थे। शिवाजी ने अपना पूरा जीवन धर्म की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था।

हर किसी ने शिवाजी के बारे में तो जरूर पढ़ा व सुना होगा। शिवाजी महाराज महाराष्ट्र के प्रमुख राजनेता, साम्राज्य के संस्थापक और मराठा साम्राज्य के प्रथम छत्रपति थे। उन्होंने छोटी सी उम्र में कई चुनौतियों का सामना करते हुए युद्ध लड़े। शिवाजी ने अपना पूरा जीवन धर्म की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया था। बता दें कि आज ही के दिन यानी की 03 अप्रैल को छत्रपति शिवाजी का निधन हो गया था। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में। 

जन्म और शिक्षा

महाराष्ट्र, पुणे के शिवनेरी दुर्ग में 19 फरवरी 1630 को शिवाजी का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम शिवाजी राजे भोंसले था। शिवाजी के पिता का नाम शाहाजी और मां का नाम जीजाबाई था। शिवाजी की मां पर उनके धार्मिक गुणों का गहरा प्रभाव था। उन्होंने घर से शुरूआती शिक्षा पूरी की थी। शिवाजी को बचपन से ही धार्मिक, राजनीतिक और युद्ध विद्या की शिक्षा दी गई थी। उनका बचपन गोपाल, राजा राम, संतों तथा रामायण-महाभारत व सत्संग के बीच बीता था। शिवाजी सभी कलाओं में माहिर थे।

इसे भी पढ़ें: Guru Tegh Bahadur Birth Anniversary: गुरु तेग बहादुर को कहा जाता था 'हिंद की चादर', धर्म की रक्षा के लिए दिया प्राणों का बलिदान

परिवार

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिवाजी के कई पत्नियां थीं। उनका पहला विवाह सईबाई निंबालकर के साथ हुआ था। उस दौरान शिवाजी की उम्र महज 10 साल थी। सईबाई और शिवाजी की 4 संतानें थी। वहीं उनकी दूसरी पत्नी का नाम सोयराबाई मोहिते था। यह काफी चर्चित महिला थीं। शिवाजी के बाद उनके बड़े बेटे संभाजी उत्तराधिकारी बने थे।

शिवाजी की युद्ध नीति

माना जाता है शिवाजी महाराज ने ही गुरिल्ला युद्ध की नई तकनीकों को जन्म दिया था। गुरिल्ला युद्ध की मदद से उन्होंने मुगलों को कड़ी टक्कर दी थी। शिवाजी ने अपनी एक स्थायी सेना बनाई थी। बता दें कि शिवाजी की मृत्यु के समय उनकी सेना में 30-40 हज़ार नियमित, स्थायी रूप से नियुक्त घुड़सवार, 1260 हाथी और एक लाख पैदल सैनिक थे। इसके अलावा उनकी सेना तोपखानों से लैस थी।

शिवाजी द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध

तोरणा फोर्ट की लड़ाई

प्रतापगढ़ का युद्ध

पवन खींद की लड़ाई

सूरत का युद्ध

पुरंदर का युद्ध

सिंहगढ़ का युद्ध

संगमनेर की लड़ाई

मृत्यु

बता दें कि 03 अप्रैल 1680 के दिन रायगढ़ फोर्ट में छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन हुआ था। हांलाकि उनकी मृत्यु को लेकर इतिहासकारों में मतभेद हैं। कई इतिहासकारों का मानना है कि शिवाजी की मृत्यु स्वभाविक थी, तो वहीं कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उन्हें साजिश के तहत जहर दिया गया था। जिसके बाद शिवाजी की हालत बिगड़ने लगीं औऱ खून की पेचिस शुरू हो गईं। जिसके चलते शिवाजी को बचाया नहीं जा सका।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़