यूपी में भाजपा नये-नये सहयोगी दलों को तो साथ ले रही है, मगर सीटें कैसे बाँटेगी?

Yogi Adityanath Om Prakash Rajbhar
ANI
अजय कुमार । Jul 25 2023 6:19PM

भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद कहते हैं कि उनकी निषाद पार्टी देशभर में 37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी तो अपना कुनबा बढ़ाती जा रही है, लेकिन उसके सामने समस्या यह है कि समझ नहीं पा रहा है कि गठबंधन के बाद सीटों के बंटवारे के मामले में वह अपने सहयोगियों को कैसे संतुष्ट करे। उसके सहयोगी लोकसभा की सीटों को लेकर उम्मीद से अधिक की दावेदारी कर रहे हैं। बीजेपी की पुरानी सहयोगी पार्टी अपना दल पांच सीटों के लिए दावा कर रही है तो निषाद पार्टी के दावे इससे भी बड़े हैं। उनकी बातों से लगता है कि वह भी चार-पांच सीटों के लिए अपना दावा पेश कर रहे हैं। वहीं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर की भी लोकसभा सीटों को लेकर अपनी उम्मीदें हैं। बीजेपी ओमप्रकाश राजभर को संतुष्ट करने के लिए उन्हें योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दे सकती है, वहीं उनके लड़के को लोकसभा का टिकट मिल सकता है। इसके अलावा भी ओम प्रकाश राजभर को दो से तीन लोकसभा सीटें मिलने की उम्मीद है।

भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद कहते हैं कि उनकी निषाद पार्टी देशभर में 37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। संजय निषाद अपने सिंबल पर ही चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी आलाकमान से मांग की है कि भाजपा 2019 के चुनाव में जिन सीटों पर हारी थी वो सभी हमें दे दे। हम उन्हें जीतकर दिखा देंगे।

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निषाद पार्टी उत्तर प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों में भी विस्तार कर रही है जिससे पार्टी को मजबूती मिलेगी और भविष्य में पार्टी दूसरे राज्यों में भी चुनाव लड़ेगी। पार्टी अध्यक्ष संजय निषाद ने बताया कि बीते दिन वह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दौरे पर थे। वहां पार्टी के विस्तार को लेकर निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की, साथ ही निषाद पार्टी द्वारा आयोजित केवट सम्मेलन में भी शिरकत की।

उधर, सूत्रों के मुताबिक अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने भाजपा नेतृत्व के सामने कम से कम पांच सीटों पर दावेदारी पेश की है। इनमें से मिर्जापुर से खुद अनुप्रिया सांसद हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, फतेहपुर और जालौन सीट की भी मांग की गई है। पार्टी का मानना है कि जब 6 व 8 विधायकों वाले दूसरे सहयोगियों को दो से तीन सीटें देने की बात हो रही है तो 13 विधायकों वाले अपना दल को तो कम से कम पांच सीट मिलनी ही चाहिए। अपना दल इस बार सोनभद्र सीट भी बदलना चाहता है। 2019 में यह सीट अपना दल के कोटे में दी गई थी और इस पर पकौड़ी लाल कोल सांसद हैं। अगर ऐसा हुआ तो कोल चुनाव मैदान से बाहर हो जाएंगे। पार्टी नेतृत्व सोनभद्र के स्थान पर बुंदेलखंड की कोई कुर्मी बहुल सीट लेना चाहता है। वैसे पार्टी की पहली पसंद जालौन है। इसके अलावा पार्टी की दावेदारी प्रतापगढ़ पर भी है। यह सीट 2014 में अपना दल के ही पास थी, लेकिन 2019 में इस सीट को भाजपा ने वापस ले लिया था और इस सीट पर अपना दल के ही विधायक संगमलाल गुप्ता को चुनाव लड़ाया था। इस बार इसी सीट पर फिर से दावेदारी है। 

   

बताते हैं कि 18 जुलाई को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई बैठक पार्टी की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने सीटों को लेकर अपनी दावेदारी कर दी है, लेकिन अभी तक उस पर फैसला नहीं हुआ है। अनुप्रिया ने भाजपा नेताओं से यह भी अनुरोध किया है कि इस बार लोकसभा चुनाव में सीटें तय करते हुए उनके दल के विधायकों की संख्या बल का भी ध्यान रखा जाए। यानि दूसरे सहयोगी दलों से उन्हें अधिक सीट मिलनी चाहिए। उनके प्रस्ताव पर भाजपा ने हामी भी भरी है, लेकिन अपना दल को कितनी सीटें मिलेंगी, यह बाद में साफ होगा।

-अजय कुमार

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