Global Approval Ratings में दुनिया में टॉप पर कैसे बने हुए हैं PM Modi, आखिर क्या है इस सर्वे का पूरा सच?
दुनिया यदि नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर विश्वास कर रही है तो उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पूरा विश्व इस बात को मानता है कि वह ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जो किसी भी कीमत पर अपने देश के हितों पर आंच नहीं आने देंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर दुनियाभर में सबसे लोकप्रिय नेता बन कर उभरे हैं और उनकी ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग अमेरिका के राष्ट्रपति से भी ज्यादा है। देखा जाये तो दुनियाभर में मोदी की अप्रूवल रेटिंग 76 प्रतिशत होना दर्शाता है कि 'मोदी की गारंटी' भारत में हिट है और 'मोदी का जादू' दुनिया में सुपरहिट है। वैसे दुनिया में लोकप्रियता के आकाश पर लगातार बरकरार रहने वाले मोदी जमीन से भी उतने ही जुड़े हुए हैं। मोदी विभिन्न माध्यमों के जरिये जनता के साथ सीधा संवाद बनाये रखते हैं। अक्सर देखने में आता है कि लोकप्रियता के शिखर पर पहुँचने वाली हस्तियां अपने आप को भगवान समझने लगती हैं और लोगों से अपनी तारीफों के पुल बंधवाना उन्हें अच्छा लगता है लेकिन मोदी अपने पार्टीजनों और आम लोगों से कहते हैं कि उनके नाम के आगे जी नहीं लगाते हुए उन्हें सिर्फ मोदी कह कर ही पुकारा जाये। मोदी जनता से और अपने नेताओं से किसी प्रकार की दूरी नहीं चाहते इसलिए हर प्रकार की औपचारिकता से भी दूर रहते हैं। मोदी ने प्रधानमंत्री को बड़े बड़े और महंगे गुलदस्ते दिये जाने की परम्परा को खत्म करवा कर सिर्फ एक गुलाब लेना शुरू किया। मोदी ने मंत्रियों और वीवीआईपी लोगों के वाहनों पर लगे सायरन बजाती लाल बत्तियों की परम्परा को खत्म करवाया। यही नहीं, जब भी अवसर मिलता है मोदी सार्वजनिक परिवहन सेवा में आम जन के साथ सफर करते भी नजर आते हैं। प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए मोदी ऐसी तैयारी करते हैं कि तूफान और चक्रवात बस अब हमारे तटों को छूकर जाने लगे हैं। जानमाल का नुकसान रोकने में मोदी सरकार बेहद सफल रही है।
इसके अलावा, मोदी अगर भारतीयों को अन्न, जल, शिक्षा, विकास, रोजगार, महंगाई से राहत, चिकित्सा सुविधाएं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की गारंटी देते हैं तो दुनिया को भी जरूरत पड़ने पर मदद की गारंटी देते हैं। महामारी के समय दुनिया ने देखा कि वैक्सीन मैत्री अभियान चला कर पूरी दुनिया खासकर गरीब देशों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन दी गयी। इसके अलावा आज स्थिति यह है कि दुनिया में कहीं भूकंप आये, कोई अन्य प्राकृतिक आपदा आये तुरंत मोदी के निर्देश पर भारत के राहत कर्मी मदद के लिए निकल पड़ते हैं। मोदी का वैश्विक प्रभाव कितना है इसे इसी बात से समझ सकते हैं कि कहीं युद्ध छिड़ जाये तो वहां युद्ध लड़ रहे देश मोदी के निर्देश पर भारतीयों को सकुशल निकल जाने का सुरक्षित रास्ता दे देते हैं। मोदी ने ग्लोबल साउथ के मुद्दों को जिस प्रकार से उठा कर इन देशों की जरूरतों से दुनिया को अवगत कराया उसके लिए इस क्षेत्र के देश मोदी का आभार व्यक्त करते नहीं थकते। स्थिति ऐसी है कि अनेकों देश मोदी को अपने सर्वोच्च सम्मान से नवाजने में खुद को ही सम्मानित महसूस करते हैं। आप हाल के आंकड़ों को उठा कर देखेंगे तो सूखा, बाढ़ तथा अन्य प्रकार की चुनौतियों से जूझ रहे देशों को मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ी मदद दी है। भारत के पड़ोस में श्रीलंका का जो हाल हो गया था वो पूरी दुनिया ने देखा लेकिन मोदी के दिये सहारे के चलते आज श्रीलंका फिर से अपने पैरों पर खड़ा होने की कगार पर है। मोदी का वैश्विक प्रभाव ऐसा है कि वह जिस देश में जाते हैं वहां उन्हें सुनने और देखने वालों की ऐसी भीड़ उमड़ती है कि उस देश के राष्ट्राध्यक्ष से बड़ी सभा करने का रिकॉर्ड मोदी बना आते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति सार्वजनिक रूप से यह कहते हैं कि हमारे देश में मुझसे ज्यादा लोकप्रिय मोदी हैं।
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लेकिन, यहां यह भी समझना होगा कि यह सिर्फ मोदी का सम्मान नहीं है। सिर्फ मोदी की ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग नहीं बढ़ रही है बल्कि यह भारत का भी सम्मान है और यह भारत की ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग बढ़ने के भी समान है। मोदी राज में भारत जिस तरह हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है, भारत की कामयाबी का डंका जमीन से लेकर चंद्रमा तक बज रहा है, भारत जिस तरह एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में खड़ा हुआ है और जी20 की अध्यक्षता के दौरान दुनिया के समक्ष साबित किया है कि वह विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है उसके चलते दुनिया के देश भारत के बारे में अपनी पुरानी राय बदलने को मजबूर हुए हैं।
दुनिया यदि नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर विश्वास कर रही है तो उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पूरा विश्व इस बात को मानता है कि वह ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जो किसी भी कीमत पर अपने देश के हितों पर आंच नहीं आने देंगे। जरा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बयान पर गौर करिये। पुतिन ने किसी दबाव से ‘‘डरे बिना’’ भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कड़े रुख की प्रशंसा की है। रूसी नेता ने कहा है कि वह ‘‘कल्पना नहीं कर सकते कि मोदी को ऐसा कोई भी कार्य करने, कदम उठाने या निर्णय लेने के लिए डराया, धमकाया या मजबूर किया जा सकता है जो भारत एवं भारतीयों के राष्ट्रीय हितों के विपरीत हो। रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि जो हो रहा है, मैं उसे बाहर से देखता हूं और स्पष्ट रूप से कहूं तो मुझे भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए मोदी के सख्त रुख को देखकर कभी-कभी हैरानी होती है। मोदी अपने देश के हितों को हमेशा सर्वोपरि रखते हैं, यह बात समय-समय पर विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों की ओर से कही जाती रही है।
बहरहाल, मोदी की ग्लोबल अप्रूवल रेटिंग भले फिर से शिखर पर हो लेकिन वह खुद अपने पांव जमीन से हिलने नहीं देते। 17 दिसंबर को जब मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी की संकरी गलियों में घूमते हुए जनता से संवाद करते नजर आयेंगे तो यह पहला ऐसा दृश्य होगा जब भारत के प्रधानमंत्री गलियों में आम जन के साथ होंगे।
-नीरज कुमार दुबे
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