"रामराज्य" के सपने को साकार करने के लिए प्रयासरत "मोदी-योगी"

Ayodhya modi yogi
Prabhasakshi

वैसे जब से दुनिया हम सभी के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का उत्तर प्रदेश के अयोध्या धाम में भव्य दिव्य आलौकिक मंदिर बनाता हुआ देख रही है, तब से ही देश का आम जनमानस दिन-प्रतिदिन राममय होते नज़र आ रहा है।

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के स्वागत के लिए पावन अयोध्या धाम में दिव्य व भव्य दीपावली मनाने की जबरदस्त तैयारी चल रही है, पूरा देश मोदी-योगी के प्रयासों से राममय होता जा रहा है, मोदी-योगी की जोड़ी अयोध्या में विश्वस्तरीय विकास की नित-नई इबारत लिख रहे हैं, जिससे पिछले कुछ वर्षों से अयोध्या धाम देश व दुनिया में चर्चाओं में छाया हुआ है। हालांकि जब से उत्तर प्रदेश की धार्मिक व ऐतिहासिक पावन नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के अद्भुत दिव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ है, तब से ही देश व दुनिया में बहुत बड़े पैमाने पर रामराज्य के बारे में विस्तार से चर्चा होने लगी है। देश व दुनिया के लोग आज भी रामराज्य के साथ प्रभु श्री राम के जीवन के हर पहलू को जानने के लिए बेहद उत्सुक हैं, वह प्रभु श्री राम के राज्य की अच्छाईयां को देख देश में रामराज्य की पूरी कल्पना को धरातल पर बहुत ही तेजी से साकार होते देखना चाहते हैं। वैसे भी देखा जाए तो हम सभी सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए रामराज्य की अवधारणा केवल शासक के कर्तव्यों का एक उत्कृष्ट मानदंड वाला विचार मात्र नहीं है, बल्कि यह देश व दुनिया में शासन करने की एक ऐसी श्रेष्ठ व्यवस्था है, जिसमें सभी लोगों का जीवन सिद्धांतों से परिपूर्ण धर्म व न्याय संगत होते हुए, सत्य, अहिंसा, श्रेष्ठ विचार, त्याग की भावना, दया, दान, वचन और न्याय आदि पर आधारित होता है। रामराज्य में शासक व प्रजा दोनों ही पक्ष देश व समाज के प्रति अपने-अपने कर्तव्यों का हर हाल में बखूबी से निर्वहन करते हुए जिम्मेदारियों का अक्षरशः पालन करते हैं, तब ही देश में रामराज्य का सपना धरातल पर साकार होता हुआ नज़र आ पायेगा। हालांकि देश में अभी यह बहुत दूर की कौड़ी है लेकिन फिर भी आम जनमानस के बड़े वर्ग का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामराज्य की अवधारणा की मजबूत नींव रखने की शुरुआत 22 जनवरी 2024 को अयोध्या से कर रहे हैं, जिसके लिए देश में बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही हैं और पूरा देश राममय हो चला है।

वैसे जब से दुनिया हम सभी के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का उत्तर प्रदेश के अयोध्या धाम में भव्य दिव्य आलौकिक मंदिर बनाता हुआ देख रही है, तब से ही देश का आम जनमानस दिन-प्रतिदिन राममय होते नज़र आ रहा है। हालांकि अब चंद दिनों के इंतजार के बाद आम जनमानस 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि की पावन धरा पर प्रभू श्री राम को पूरी दिव्यता के साथ विराजमान होता देखने का कार्य करेगी, उसके चलते ही भारत की जनता इस वक्त 22 जनवरी 2024 की उस राममय पावन घड़ी का इंतजार कर रही है, जब सारी दुनिया के पालनहार प्रभु श्री राम जन्मस्थली पर बने भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद दिव्य आलौकिक स्वरूप में विराजमान होंगे। हालांकि इस ऐतिहासिक घटनाक्रम के चलते ही वर्ष 2024 हमेशा के लिए दुनिया के इतिहास के पन्नों में स्वर्णाक्षरों में दर्ज हो जायेगा‌। वैसे देखा जाए तो सनातन धर्म व संस्कृति को मानने वाले देश व दुनिया के करोड़ों राम भक्तों का जो सपना देश की आज़ादी के साथ ही पूरा हो जाना चाहिए था, आज वह सपना बहुत सारी बाधाएं हटाने के बाद देश की आज़ादी के 76 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में धरातल पर साकार होता नज़र आ रहा है। लेकिन राम मंदिर के निर्माण के इस सपने के साथ ही क्या वास्तव में देश में रामराज्य की स्थापना की अवधारणा धरातल पर साकार होनी शुरू हो पायेगी, यह सवाल अब लोगों के मन में घूमना शुरू हो गया है। क्योंकि देश के आम जनमानस के सामने रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, चिकित्सा व सुरक्षा का सवाल दशकों से जस-का-तस खड़ा हुआ है। जिसको पूरा किये बना रामराज्य का सपना साकार होना संभव नहीं है, हालांकि यह सपना सरकार, पूरे सरकारी सिस्टम व आम जनमानस सभी की पूरी ईमानदारी से की गई मेहनत व श्रेष्ठ आचरण के बिना संभव नहीं है। लेकिन फिर भी देश में आम जनमानस के एक बड़े वर्ग को यह संतोष है कि कम से कम देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चलते व उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चलते अब तेजी के साथ जनहित के विकास कार्य हो रहे हैं, जिससे लोगों का जीवन स्तर कुछ बेहतर अवश्य हो रहा है और सबसे अहम बात यह है कि योगी आदित्यनाथ के राज में उत्तर प्रदेश में तो राक्षसी प्रवृत्ति के दुष्ट लोगों का चुन चुन कर दमन हो रहा है, जो कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में रामराज्य की अवधारणा को धरातल पर अमलीजामा पहनाने की एक बहुत ही अच्छी शुरुआत है। आज देश के बहुत सारे लोगों को लगता है कि मोदी-योगी की जोड़ी के कार्यों से देश विकास व धर्म दोनों के पथ पर तेजी से अग्रसर है और उनके चलते ही अब देश बहुत ही तेजी के साथ राममय होता जा रहा है।

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वैसे भी दुनिया में सबसे प्राचीन गौरवशाली सनातन धर्म संस्कृति के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के द्वारा किये गये शासन को बेहद आदर्श शासन के रूप में माना जाता है, इसलिए ही वह काल दुनिया में रामराज्य के नाम से प्रसिद्ध है। रामराज्य के शासन काल में लोगों के आचरण मर्यादा लोक व्यवहार जीवनशैली की उत्कृष्टता को देखें तो रामराज्य दुनिया के सर्वोत्कृष्ट शासन या आदर्श शासन के प्रतीक के तौर आज भी सर्वश्रेष्ठ साबित होता है। जिस राजकुमार का राज तिलक होना था, वह पिता के दिये वचन के चलते ही अगले ही क्षण राज की सुख सुविधाओं का मोह त्याग के 14  वर्ष के लंबे वनवास पर चला गया और पूरा जीवन मर्यादित ढंग से व्यतीत किया। जिसके चलते ही आज लोकतांत्रिक व्यवस्था के इस दौर में भी लोगों की आस है कि हमारे प्यारे देश में रामराज्य जैसा राज ही हो, सभी देशवासी पीड़ा से मुक्त हों, सभी लोगों का कल्याण हो, कोई भी व्यक्ति दीन, दुखी, दरिद्र ना रहे, देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित, संपन्न, खुशहाल हो और सभी लोग श्रेष्ठ आचरण से युक्त हो, हर एक व्यक्ति दुर्व्यसनों से मुक्त हों। 

आज लोकतांत्रिक व्यवस्था में हर व्यक्ति की इच्छा है कि प्रत्येक भारतवासी सरकार व सरकारी सिस्टम की कार्यप्रणाली से खुश हो। प्रत्येक व्यक्ति को उसका तय मान-सम्मान मिले और कर्म के अनुसार उचित प्रतिफल मिले। लोगों को देश में तेजी से न्याय मिले। न्याय और धर्म की कसौटी पर सरकार, सिस्टम और आम प्रजा के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव न रहे। आज देश में ऐसे ही सुशासन वाले रामराज्य को आम जनमानस चाहता है, वैसे भी रामराज्य की अवधारणा का मूल सार है कि देश में हर तरफ खुशहाली, अमन-चैन कायम रहे, लोग आपस में मिलजुलकर रहें, देश में सुराज और सुशासन की पताका हर हाल लहराती रहे, देश तेजी से विकास के पथ पर गतिमान रहे और जल्द ही विकसित देशों की श्रेणी में आये, जनता का कल्याण हो तब ही देश में वास्तव में रामराज्य का सपना साकार होगा और देश पूरी तरह से राममय होकर के विश्वगुरु बनेगा।

- दीपक कुमार त्यागी

वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार व राजनीतिक विश्लेषक

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