IUML को Secular बताना Rahul Gandhi की मजबूरी थी या उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया

नीरज दुबे ने कहा केसीआर धीरे-धीरे अब विपक्ष की एकता से बाहर होने की कोशिश कर रहे हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि उनके संबंधी दिल्ली शराब घोटाले में फंसते नजर आ रहे हैं और केसीआर अभी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते।
प्रभासाक्षी की सप्ताहिक कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने देश की राजनीतिक विषयों पर चर्चा की। हमेशा की तरह कार्यक्रम में मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे जी। हमने सबसे पहले राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर ही चर्चा की। हमने नीरज दुबे से सवाल पूछा कि क्या इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सेक्युलर है। इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि राहुल गांधी सांसद है या नहीं है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, वह लगातार चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं। साथ ही साथ वह सरकार पर हमलावर हैं और मुख्य विपक्ष के नेता के तौर पर वह दिखते रहना चाहते हैं। नीरज दुबे ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का जो लंदन दौरा था उससे थोड़ा अलग उनका अमेरिका दौरा लग रहा है। इस दौरान राहुल गांधी उन चीजों पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से ज्यादा विवाद हो।
नीरज दुबे ने कहा कि लगता है कि राहुल गांधी को समझा कर अमेरिका समझा कर भेजा गया है तभी तो उन्होंने यूक्रेन मामले पर लेकर भारत के स्टैंड का समर्थन किया है। इसके साथ ही नीरज दुबे ने यह भी कहा कि जो बातें राहुल गांधी भारत में कहते हैं, वहीं अमेरिका में भी कहते नजर आ रहे हैं कि भारत में मीडिया कंट्रोल में है, सरकारी संस्थाओं पर आक्रमण किया जा रहा है। इंडियन मुस्लिम लीग के सेक्युलर होने को लेकर राहुल के बयान पर नीरज दुबे ने कहा सेक्यूलर का सर्टिफिकेट कांग्रेस तभी दूसरों को दें, जब उसकी खुद की छवि सेक्युलर हो। उन्होंने कहा कि जमात-ए-इस्लामी का विजन है कि भारत इस्लामिक राष्ट्र बने और कांग्रेस उसकी संबंधित पार्टी वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के साथ केरल में गठबंधन किया हुआ है।
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नीरज दुबे ने यह भी कहा कि जब वायनाड से राहुल गांधी अपना नामांकन भरने गए थे तब हमने देखा कि किस तरीके से उनकी रैली में इस्लामिक झंडे लगाए गए थे और कांग्रेस नेता अपनी खुशी दिखा रहे थे। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि राहुल गांधी को यह पता ही नहीं है कि उन्हें किस पर क्या बोलना है। उन्होंने यह भी कहा कि आईयूएमएल का समर्थन करना राहुल गांधी की मजबूरी भी है क्योंकि केरल में कांग्रेस का उसके साथ गठबंधन है। केरल की राजनीति के मद्देनजर ही राहुल गांधी को इंडियन मुस्लिम लीग का समर्थन करना पड़ रहा है। हो सकता है वायनाड में आने वाले चुनाव में इसका असर देखने को मिला। इसके साथ ही उन्होंने साफ तौर पर कहा कि राहुल गांधी या कांग्रेस को अधिकार नहीं है कि वह किसी को सेक्युलर होने या नहीं होने का सर्टिफिकेट दें।
विपक्षी दलों की बैठक
विपक्षी दलों की बैठक को लेकर भी नीरज दुबे से सवाल पूछा। सबसे पहले हमने केसीआर को लेकर सवाल पूछा। नीरज दुबे ने कहा केसीआर धीरे-धीरे अब विपक्ष की एकता से बाहर होने की कोशिश कर रहे हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि उनके संबंधी दिल्ली शराब घोटाले में फंसते नजर आ रहे हैं और केसीआर अभी कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। नीरज दुबे ने यह भी कहा कि विपक्षी एकता की जो कवायद चल रही है उसमें भी हम दो प्रकार दिखते हैं। एक ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी ओर केंद्र के अध्यादेश के बहाने अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी एकता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। एक में फिलहाल कांग्रेस है। एक में कांग्रेसी नहीं है।
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