Chai Par Sameeksha: क्या मोदी सबसे कमजोर और झूठे PM? चुनावों में Congress को कितना लाभ पहुँचायेगा Anti Modi Campaign

Narendra Modi
ANI
अंकित सिंह । Jul 31 2023 4:03PM

हमने इंडिया गठबंधन को लेकर भी चर्चा की। नीरज दुबे ने कहा कि पहली बैठक पटना में 23 जून को थी जबकि दूसरी बैठक 18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई। पहली बैठक में जितना नीतीश कुमार सक्रिय थे, उतना क्या अब है? इससे साफ तौर पर पता चल रहा है कि विपक्षी दलों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है।

2024 की चुनावी तैयारियों के शोर के बीच प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में अपने वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की। इस दौरान प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार मौजूद रहे। नीरज कुमार दुबे से विभिन्न मुद्दों पर सवाल पूछे। पहला मामला कांग्रेस को लेकर था। सवाल था कि आखिर कांग्रेस अपने सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नकारात्मक प्रचार करने के लिए क्यों कर रही है? सवाल के जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि वर्तमान में कांग्रेस के सोशल मीडिया हैंडल को खोले तो पता चलेगा कि वहां सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे और भूपेश बघेल से ज्यादा तस्वीरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होती है। नीरज दुबे ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस ने जिस तरीके से एक नेगेटिव कैंपेन की शुरुआत की है, उससे यही लगता है कि उसने अपने पहले की गलतियों से कोई सबक नहीं सीखा है। 

नेगेटिव सोच का नतीजा नेगेटिव भी

अपने बयान में नीरज कुमार दुबे ने दावा किया कि जब-जब कांग्रेस ने खास करके नरेंद्र मोदी के खिलाफ नेगेटिव कैंपियन किया ,है तब तक उसे मुंह की खानी पड़ी है। नीरज दुबे ने कहा कि कांग्रेस के लिए शायद एक परिवार ही सब कुछ है। उसके लिए प्रधानमंत्री पद का सम्मान मायने नहीं रखता। उन्होंने कहा कि हमारे राजनीतिक इतिहास को देखा जाए तो हमारे देश की परंपरा ही नहीं रही है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ इतने निचले स्तर की राजनीति की जाए। उदाहरण देते हुए नीरज दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए झूठा शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सरासर प्रधानमंत्री पद का असम्मान है। आपको अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही निशाना साधना है तो आप तो असत्य शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही नीरज दुबे ने एक और उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के लिए गुमशुदा की तलाश जैसे पोस्टर लगाए जा रहे हैं। लेकिन प्रधानमंत्री दिन में चार से पांच मौकों पर भाषण देते टीवी पर स्तर पर दिखाई दे जाते हैं। नीरज दुबे तंज कसते हुए कहा कि नेगेटिव सोच का नतीजा नेगेटिव भी रहता है। आपको अगर चुनावी जीत ही हासिल करनी है तो आपको बताना पड़ेगा कि वर्तमान समस्याओं का आपके पास समाधान क्या है?

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इंडिया गठबंधन पर चर्चा

हमने इंडिया गठबंधन को लेकर भी चर्चा की। नीरज दुबे ने कहा कि पहली बैठक पटना में 23 जून को थी जबकि दूसरी बैठक 18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई। पहली बैठक में जितना नीतीश कुमार सक्रिय थे, उतना क्या अब है? इससे साफ तौर पर पता चल रहा है कि विपक्षी दलों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। भले ही इंडिया नाम दे दिया गया है लेकिन यह अब तक एक नहीं हो पा रहे हैं। नीरज दुबे ने कहा कि जो आज कांग्रेस कह रही है कि हम प्रधानमंत्री पद का त्याग कर देंगे, वह सिर्फ बयान देने भर की बात है। हकीकत में मामला कुछ और है। यह दावा किया जा रहा है कि अभी भी सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत नहीं हो रही है। लेकिन अंदर खाने में इस पर बातचीत चल रही है और उसका असर गठबंधन पर देखने को मिल रहा है। समाजवादी पार्टी हैरान है कि कांग्रेस किस आधार पर उत्तर प्रदेश में 15 सीटें मांग रही है। बिहार में भी नीतीश कुमार और लालू यादव पर कांग्रेस सीटों के लिए दबाव बना रही है। 

तीन राज्य के चुनाव

लाल डायरी और आगामी 3 राज्यों के चुनाव पर हमने नीरज दुबे से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा अभी से ही अपनी तैयारी में जुट गई है। दरअसल, 2018 के चुनाव में इन तीनों ही राज्यों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, मध्य प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के बाद भाजपा सरकार बनाने में कामयाब हुई थी। राजस्थान के चुनावी इतिहास पर नजर डालते हुए नीरज कुमार दुबे ने कहा कि हर 5 साल में वहां सत्ता परिवर्तन होता है। ऐसे में इस बार चांस भाजपा का है। नीरज दुबे ने दावा किया कि भाजपा इस बार राजस्थान में शानदार प्रदर्शन करेगी। भले ही गहलोत सरकार की ओर से महंगाई को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है और लोगों को राहत देने की बात कही जा रही है। लेकिन बाकी तमाम मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार घिरी हुई है। मध्य प्रदेश को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि भाजपा किसी भी कीमत पर अति आत्मविश्वास में नहीं रहना चाहती। यही कारण है कि संगठन एक-एक सीटों पर नजर बनाकर रख रहा है। छत्तीसगढ़ को लेकर उन्होंने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लेकर जनता में नाराजगी नहीं है। लेकिन सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी साफ तौर पर देखी जा रही है। भाजपा ने फिर से रमन सिंह को प्रमोट किया है, इसका असर भी इस चुनाव में देखने को मिल सकता है।

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