राजनीति चमकाने के लिए लिया जा रहा बवाल का सहारा! ऐसे कैसे सुधरेगा देश का हाल

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ANI
अंकित सिंह । Jun 20 2022 4:29PM

इस कार्यक्रम में हमेशा की तरह प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे मौजूद रहे और हमने हाल में ही देश में जिस तरीके से सवालों का घटनाक्रम हुआ, उसी पर समीक्षा की है। सबसे पहले हमने अग्निपथ योजना को लेकर हाल में ही हो रहे प्रदर्शनों को लेकर नीरज दुबे से सवाल किया। उन्होंने कहा कि यह जो कुछ भी हो रहा है, यह सब राजनीति है।

पिछले सप्ताह देश में अलग-अलग मुद्दे को लेकर प्रदर्शन का दौर देखने को मिला। एक ओर जहां कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ की तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर बवाल मचाया। तो वही केंद्र सरकार सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लेकर आई तो भी बवाल देखने को मिला जब युवा इसके खिलाफ सड़कों पर उतर गए। सवाल यही हुआ कि क्या राजनीति चमकाने के लिए कुछ राजनीतिक दल युवाओं को अपना ढाल बना रहे हैं? तो दूसरी ओर कांग्रेस के बवाल पर बार-बार यह सवाल उठा एक परिवार को बचाने के लिए पूरा का पूरा पार्टी सामने आ चुका है? हमने प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में भी इसी को लेकर चर्चा की है।

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इस कार्यक्रम में हमेशा की तरह प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे मौजूद रहे और हमने हाल में ही देश में जिस तरीके से सवालों का घटनाक्रम हुआ, उसी पर समीक्षा की है। सबसे पहले हमने अग्निपथ योजना को लेकर हाल में ही हो रहे प्रदर्शनों को लेकर नीरज दुबे से सवाल किया। उन्होंने कहा कि यह जो कुछ भी हो रहा है, यह सब राजनीति है। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि जो लोग भी ट्रेन को जला रहे हैं, गाड़ियों को जला रहे हैं, वह कभी भी सेना में नहीं जा सकते हैं। क्योंकि जो सेना में जाना चाहता है, वह कभी भी ऐसा नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि जो भी प्रदर्शनकारी हैं, वह राजनीतिक दलों के छात्र संगठन से जुड़े लोग हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों से हम यह देख रहे हैं कि जो भी चीज सरकार लाती है, उसके खिलाफ सड़कों पर विपक्ष के कार्यकर्ता उतर जाते हैं और दावा किया जाता है कि आम लोग नाराज हैं। विपक्ष चाहता है कि सरकार किसी योजना को लेकर आए और उसे वापस ले और फिर सरकार पर परियोजनाओं को वापस लेने का ठप्पा भी लग जाए।

अग्निपथ की बात करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि दुनिया के कई सेनाओं में इस तरह की सर्विस होती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि 4 साल बाद हम क्या करेंगे, उनके लिए सरकार एक अच्छा पैकेज दे रही है। कई राज्य सरकारों ने और गृह मंत्रालय ने भी अपनी नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने के बाद कह दी है। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि 4 साल बाद जब यह अग्निवीर किसी भी बल में जाएंगे तो उन्हें इसलिए भी वरीयता दी जाएगी, क्योंकि यह पूरी तरह से ट्रेंड होंगे। उन्होंने दावा किया कि भारतीय सेना का जो प्रशिक्षण होता है, वह दुनिया की बेस्ट सेना का प्रशिक्षण होता है। ऐसे में अग्निवीरों के लिए कई जगह मौके बनते दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में तो वरीयता मिलेगी ही मिलेगी, निजी कंपनियां भी उन्हें प्राथमिकता देंगी। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आप पहले इस योजना को समझिए, इसके बाद अगर आपको यह ठीक नहीं लगे, तब आप विरोध करिए। लेकिन बिना समझे किसी चीज का विरोध करना ठीक नहीं है।

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अग्नीपथ योजना के बारे में और अधिक बात करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि यह योजना ऐसे ही नहीं आई है। इस योजना को लेकर व्यापक चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना में जो भी शंका हैं, उसको लेकर भी सरकार आगे आ रही है और उसे दूर करने की कोशिश कर रही है। हिंसात्मक विरोध ठीक नहीं है। बातचीत के रास्ते सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके साथ ही प्रभासाक्षी के संपादक ने यह भी कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आगे आना चाहिए और बताना चाहिए इसको लेकर वह क्या सोच रहे हैं और क्या करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जो भी अग्निवीर होंगे, यह सभी राज्यों के लिए अमूल्य हीरे होंगे जिनका वे जहां चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि यह जांच कराई जानी चाहिए कि जो ट्रेनों में आग लगा रहे हैं, बसों में आग लगा रहे हैं, वह कौन लोग हैं। वे सेना में भर्ती होने वाले लोग हैं या किसी राजनीति संगठन के के छात्र हैं। जो इसमें दोषी है उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही भी होनी चाहिए।

राहुल से पूछताछ पर बवाल

हमने राहुल गांधी से ईड़ी द्वारा की गई पूछताछ को लेकर भी नीरज दुबे से सवाल किया और पूछा कि क्या वाकई राहुल गांधी के साथ प्रतिशोध की राजनीति की जा रही है? इसके जवाब में नीरज दुबे ने कहा कि हमारा किसी राजनीतिक दलों के साथ मतभेद हो सकता है, सरकार के साथ मतभेद हो सकता है। लेकिन जब कोई जांच एजेंसी आपको नोटिस भेज रही है, तो वह आपसे पूछताछ करेगी। पूछताछ में आपको कुछ सवालों का जवाब देने होंगे। नीरज दुबे ने कहा कि या भारतीय संविधान के अनुसार नियम भी है कि जिसे समन गया है, उसे सवालों का जवाब देना ही पड़ेगा। चाहे आप कोई भी क्यों ना हो। भारत के संविधान के तहत कोई भी विशेष नहीं है और सभी के साथ जांच एजेंसी एक तरह की ही पूछताछ करती है। राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस ने जिस तरीके से प्रदर्शन किया, उसको लेकर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि यह जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस पर लगातार परिवारवाद पार्टी होने का दावा किया जाता है. उसको कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुख्ता किया है। नीरज दुबे ने कहा कि नोटिस किसे गया है, राहुल गांधी को गया है, सोनिया गांधी को किया है, तो आप उन दोनों लोगों को प्रोटेक्ट करने दीजिए, आप क्यों प्रोटेस्ट कर रहे हैं।

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नीरज दुबे ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को समन भेजा गया तो पूरी पार्टी को आखिर सड़क पर आने की क्या जरूरत है? क्या कांग्रेस की ओर से सरकारी काम में बाधा डालने की कोशिश की जा रही है? उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया और कानून का हम सभी को पालन करना चाहिए और जांच एजेंसियों को स्वतंत्र रूप से काम करने देना चाहिए. ना कि उस पर जबरदस्ती का दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस देश पर दशकों तक राज किया है। वह जानती है कि जांच एजेंसियों की कार्य प्रणाली क्या है। बावजूद इसके कांग्रेस की ओर से बचकाना हरकत की जा रही है जो कि शर्मनाक है। नीरज दुबे ने साफ तौर पर किए कहा कि अगर आपने गलत नहीं किया है तो आप सवालों का जवाब दीजिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा पहला मौका नहीं है जब बड़े कद के नेता को नोटिस गया है। इससे पहले भी कई लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उनसे एसआईटी लगातार पूछताछ करती रहती थी।

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